राजस्थान में विधानसभा के लिए चुनाव होने में अभी करीब 10 माह से ज्यादा समय बचा है। लेकिन नेताओं की चुनावी सुगबुगाहट अभी से शुरू हो गई है। राजस्थान में इसी माह के अंत में 29 जनवरी को कुल तीन सीट अलवर व अजमेर लोकसभा और मांडलगढ़ विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने हैं। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के लिए उपचुनाव कई मायनों में खास है। लेकिन केन्द्र और राज्यों में लड़खड़ा रही कांग्रेस के लिए अब राजस्थान में भी मुश्किलें खड़ी नज़र आ रही है। कांग्रेसी नेताओं की आपसी खिंचतान पार्टी को खासा नुकसान पहुंचा रही है। हाल ही में गुजरात चुनाव के प्रभारी और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी ही पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष के खिलाफ इशारों ही इशारों बहुत कुछ कह दिया है। आइये जानते हैं अशोक गहलोत ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट के लिए क्या कहा है और इसके राजनीतिक तौर पर क्या मायने निकाले जा रहे हैं.. Ashok Gehlot
पार्टी प्रदेश अध्यक्ष मुख्यमंत्री पद का दावेदार नहीं: गहलोत Ashok Gehlot
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अशोक गहलोत ने हाल ही में सीकर में बयान दिया था कि पार्टी प्रदेश अध्यक्ष मुख्यमंत्री पद का दावेदार नहीं होता है। गहलोत के इस बयान के बाद प्रदेश में कई नेताओं ने अशोक गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। इस बयान पर जवाब देते हुए गहलोत ने कहा था कि मीडिया हर बात को जोड़—तोड़ कर देखता है और खुद के समीकरण बना देता है। उन्होंने कहा कि मैंने जो बात कही वह प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से हर प्रदेश अध्यक्ष के लिए कहने का प्रयास किया है। लेकिन इसके राजनैतिक मायने यह है कि गहलोत ने मौके की नजाकत भांप कर सीकर में अपने मन की बात आखिर कह ही दी है। Ashok Gehlot
Read More: प्रतिष्ठा के चुनाव: राजे और पायलट की जंग
मीडिया के सामने गहलोत का कांग्रेस हाईकमान और पार्टी नेताओं को साफ संदेश:
अशोक गहलोत ने हाल ही में मीडिया के सामने जो कुछ कहा है वह उनकी तरफ से कांग्रेस हाईकमान और राजस्थान के कांग्रेस पार्टी नेताओं के लिए साफ संदेश लग रहा है। गहलोत ने कहा कि जब सचिन पायलट प्रदेश अध्यक्ष बने तो मैंने उनसे भी कहा कि प्रदेश अध्यक्ष होने का मतलब मुख्यमंत्री पद का दावेदार नहीं होता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में मुख्यमंत्री का निर्णय हाईकमान से ही तय होता है। गहलोत ने आगे कहा था कि जिस भी व्यक्ति को राजस्थान कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त किया जाता है, वह खुद को भविष्य के मुख्यमंत्री के रूप में देखने लगता है। गहलोत के संदेश से साफ जाहिर होता है कि राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट खुद को भविष्य में राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर देख रहे हैं। गहलोत के शब्दों में कहा जाए तो सचिन पायलट हवाई किले बना रहे हैं, जो कभी हकीकत नहीं बन सकते हैं। अशोक गहलोत इस समय अपने राजनीतिक करियर के अच्छे दौर से नहीं गुजर रहे हैं। यही वजह है कि रणनीतिक तौर पर गहलोत कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं। Ashok Gehlot
गहलोत पहले भी ले चुके हैं सचिन पायलट को निशाने पर Ashok Gehlot
अशोक गहलोत राजस्थान कांग्रेस के मौजूदा अध्यक्ष सचिन पायलट पर पहले भी राजनैतिक हमला बोल चुके हैं। पिछले साल धौलपुर विधानसभा उपचुनाव हारने के बाद, उन्होंने तर्क दिया था कि कांग्रेस की हार की वजह संगठन की खामियां थीं। खास बात यह थी कि गहलोत ने यह बात सचिन पायलट के चुनावी क्षेत्र अजमेर में मीडिया को संबोधित करते हुए कही थी। गहलोत ने हालिया गुजरात विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद ऐसा ही एक बयान भी दिया था, जिसमें उन्होंने एक टीवी चैनल पर कहा था कि, पीसीसी अध्यक्षों को धैर्य के साथ इंतजार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि युवा नेताओं को अपने इतिहास से सबक लेना चाहिए और बहुत ज्यादा महत्वाकांक्षी नहीं होना चाहिए। Ashok Gehlot
गहलोत ने पिछले दो दशकों में राजस्थान में किसी और कांग्रेस नेता को पनपने और चमकने नहीं दिया है। राजस्थान में कांग्रेस ने साल 2013 का विधानसभा चुनाव अशोक गहलोत के नेतृत्व में ही लड़ा था और 200 सदस्यों वाली राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस को करारी शिकस्त मिली थी। कांग्रेज महज 21 सीटें पर ही सिमट गई थी। गहलोत अपने मन से मुख्यमंत्री पद की लालसा कभी नहीं निकाल पाए हैं। उन्होंने खुद को मुख्यमंत्री पद की दौड़ में खुद को हमेशा बनाए रखा है। Ashok Gehlot