सचिन पायलट की नई पार्टी कांग्रेस का बिगाड़ेगी खेल, 75-80 सीटों पर होगा असर

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    जयपुर। राजस्थान कांग्रेस में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के सुलह के बीच एक बार फिर अंदरूनी कलह के बीच बड़ी खबर सामने आ रही है। खामोश पायलट बागी हो गये है। खबर यहा है कि सचिन पायलट आगामी 11 जून को अपने पिता की जयंती पर नई पार्टी का ऐलान कर सकते हैं। सचिन की नई पार्टी बनती है तो इस विधानसभा चुनाव में अपने लिए बहुत कमाल न कर पाएं लेकिन कांग्रेस का खेल बिगाड़ देंगे। नुकसान किसी न किसी रूप में भारतीय जनता पार्टी को भी होगा। इस संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि सभी छोटे दल मिलकर राजस्थान विधानसभा का चुनाव लड़ जाएं।

    इन जिलों में पायलट की पकड़ मजबूत
    सचिन पायलट की गुर्जर बहुल जिलों भीलवाडा, टोंक, दौसा, करौली, सवाई माधोपुर, धौलपुर, भरतपुर, अलवर आदि क्षेत्रों पर अच्छी पकड़ है। इन जिलों में करीब 60 सीटें हैं। इनमें 15 गुर्जर बहुल हैं तो 20-22 सीटें ऐसी हैं जहां गुर्जर दूसरे-तीसरे नंबर पर हैं। साल 2013 के चुनाव में भाजपा यहां से करीब 44 सीटें जीत पाई थी। साल 2018 के चुनाव में सचिन पायलट पीसीसी अध्यक्ष थे और चुनाव को लीड कर रहे थे तब यहां भाजपा 11 सीटों पर सिमट गई।

    75-80 सीटों पर पड़ सकता है असर
    हालांकि, राज्य और राजनीति दोनों के लिए ऐसे किंग मेकर अच्छे नहीं माने जाते क्योंकि सरकार कोई भी बनाए, एक साथ इतने दलों को संतुष्ट रखना टेढ़ी खीर होगी। जानकार बताते हैं कि थर्ड फ्रंट करीब 75-80 सीटों पर असर डाल सकता है। अगर ऐसा कुछ हुआ तो राजस्थान चुनाव न केवल रोचक हो जाएगा बल्कि रिजल्ट भी चौंकाने वाला आएगा।