भारत एक बार फिर इंग्लैंड में 34 साल पूराना इतिहास दोहराने की कगार पर है। 34 साल पहले भारत की पूरुष क्रिकेट टीम ने क्रिकेट के मक्का लॉर्ड्स में विश्वकप जीतकर इतिहास रचा था और आज एक बार फिर भारत की महिलाएं यह कारनामा करने के लिए तैयार है। गुरुवार को भारत की महिलाओं ने विश्वकप सेमिफाइनल में गत 6 बार की चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को 36 रनों से मात देकर फाइनल में प्रवेश किया है। भारत की हरमनप्रीत कौर के तूफानी तेवर और भारतीय गेंदबाजों की शानदार गेंदबाजी से भारत ने ऑस्ट्रेलिया को हरा दिया है। भारत दूसरी बार विश्व कप के फाइनल में पहुंचा है। इससे पहले वह 2005 में दक्षिण अफ्रीका में खेले गये टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचा था जहां उसे आस्ट्रेलिया के हाथों हार झेलनी पड़ी थी। भारतीय टीम ने इस तरह से उस हार के अलावा मौजूदा टूर्नामेंट के लीग मैच में अपने इस प्रतिद्वंद्वी से मिली हार का भी बदला चुकता कर लिया।
20 चौके और 7 छक्कों से नही संभल सका ऑस्ट्रेलिया
हरमनप्रीत ने भारतीय महिला वनडे की इतिहास की सर्वश्रेष्ठ पारी खेली। कौर ने 115 गेंदों पर 20 चौकों और 7 छक्कों की मदद से नाबाद 171 रन बनाये। हरमन की इस पारी की मदद से बारिश के कारण 42 ओवरों के कर दिये गये मैच में भारत ने चार विकेट पर 281 रन बनाये। आस्ट्रेलिया की टीम इसके जवाब में 40.1 ओवर में 245 रन पर आउट हो गयी। आस्ट्रेलियाई पारी में एलिस विलानी (58 गेंदों पर 75 रन) और एलिस पेरी (38) ने चौथे विकेट के लिये 106 रन जोड़े जबकि एलेक्स ब्लैकवेल (56 गेंदों पर 90 रन) और क्रिस्टीन बीम्स (नाबाद 11) ने आखिरी विकेट के लिये 76 रन जोड़े लेकिन इससे हार का अंतर ही कम हुआ।
ऑस्ट्रेलिया को नही दिया एक भी मौका
विश्वकप के सेमीफाइनल में टीम इंडिया की जीत की हीरो रही हरमनप्रीत कौर ने कप्तान मिताली राज के साथ तीसरे विकेट के लिए 66 रनों की साझेदारी की । मिताली ने 36 रन बनाए और उनके बाद दीप्ती शर्मा के साथ कौर ने 137 रनों की पार्टनरशिप की। इस साझेदारी में दीप्ती ने केवल 25 रनों का योगदान दिया। इसके बाद वेदा कृष्णमूति से साथ कौर ने 43 रन की साझेदारी कर टीम का स्कोर 281 रन तक पहुंचाया।
चौके और छक्कों की हुई बरसात
हरमनप्रीत ने शुरू में क्रीज पर पांव जमाने में समय लगाया। उन्होंने पहले 50 रन के लिये 64 गेंदें खेली। इसके बाद अगले 50 रन उन्होंने 26 गेंदों में बनाये जबकि 100 से 150 रन तक पहुंचने में उन्होंने केवल 17 गेंदें खेली। पारी के आखिरी ओवरों में तो उनके बल्ले से केवल चौके और छक्के निकल रहे थे।