यह वेब पोर्टल, स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा बनाया गया है। वित्त पोषण अंतराल को कम करने में राजस्थान सरकार की यह देन दिनोदिन सहायक साबित हो रही है। 5 अगस्त, 2017 को ज्ञान संकल्प पोर्टल लॉन्च किया गया था। ज्ञान संकल्प पोर्टल के साथ मुख्यमंत्री विद्यादान कोष के माध्यम से राजस्थान के राजकीय विद्यालयों का कायाकल्प सम्भव है। Gyan Sankalp Portal
इस पोर्टल और फंड दोनों का मुख्य उद्देश्य राज्य स्कूलों की बुनियादी आवश्यकताओं और प्राथमिकताओं के अनुसार सीएसआर, संस्थानों और जन वित्त पोषण के माध्यम से आवश्यक धन इकट्ठा करना और प्रबंधन करने के साथ ही राजकीय विद्यालयों हेतु विभिन्न परियोजनाओं के लिए दानदाताओं को प्रोत्साहित करना है। इस महत्वपूर्ण पहल से एक साल से भी कम समय मे दो हजार से भी अधिक दानदाताओं द्वारा 4 करोड़ से अधिक राशि का सहयोग प्रदान किया गया है। Gyan Sankalp Portal
Read More: बड़ी खुशख़बरी: शहीद सैनिकों के आश्रित को नौकरी देने के लिए राजे सरकार ने जारी किए आदेश
यह कैसे काम करता है Gyan Sankalp Portal
राजस्थान के राजकीय विद्यालयों को वित्तीय सहायता प्रदान करने और बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए, दानदाता अब राजस्थान के शिक्षा विभाग द्वारा विकसित ‘ज्ञान संकल्प पोर्टल’ और ‘मुख्यमंत्री विद्या दान फंड’ के माध्यम से सहयोग कर सकते हैं। इस ऑनलाइन मंच से, भामाशाह और औद्योगिक घरानों कॉर्पोरेट सोशियल रिस्पांसिबलिटी (सीएसआर) योजना में शामिल हो सकते हैं और शिक्षा में नवाचारों और बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए सीधे राजस्थान सरकार की सहायता कर सकते हैं।
Posted by Gyan Sankalp Portal on Thursday, September 20, 2018
साथ ही इस पोर्टल के माध्यम से, भामाशाह और औद्योगिक घराने राजकीय स्कुलों को प्रोत्साहन के लिए स्कूलों को गोद ले सकते हैं। दानदाताओं द्वारा प्रदान किये गए दान राज्य सरकार की आवश्यकताओं और प्राथमिकताओं के अनुसार स्कूलों के विकास के लिए राजस्थान माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा उपयोग में लिए जाएंगे। Gyan Sankalp Portal
पोर्टल की कार्यप्रणाली Gyan Sankalp Portal
इस पोर्टल का लिंक www.gyansanklp.nic.in है। इस लिंक पर जाने के पश्चात राजकीय विद्यालय की सहायता करने हेतु तीन प्रकार के विकल्प उपलब्ध होते है।
- किसी विद्यालय को गोद लेना।
- किसी राजकीय योजना को सहयोग देना।
- किसी विद्यालय या मुख्यमंत्री विद्या दान कोष में सीधे मदद करना।
राज्य सरकार आयकर अधिनियम की धारा 80 (जी) के तहत आयकर छूट प्रदान करने और अन्य स्रोतों से योगदान प्राप्त करने के लिए विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम के तहत योगदान पंजीकृत करने के लिए भी आवश्यक कार्रवाई करेगी।