प्रदेश का गुर्जर समाज एक बार फिर दोराहे पर खड़ा नज़र आ रहा है। राजस्थान सरकार के विभिन्न प्रयासों के बाद कुछ गर्जर नेताओं में रोष व्याप्त है तो कुछ नेता राजस्थान सरकार के निर्णयों के पक्ष में है। हाल ही में गुर्जर आरक्षण को लेकर हुई बैठक में राज्य सरकार के फैसले से गुर्जर समाज में खुशी है लेकिन कुछ असामजिक और भड़काऊ नेताओं की राजनिति के शिकार हुए युवाओं ने राज्य सरकार के खिलाफ महापंचायत बुलाने का फैसला किया जो कि खटाई में जाता नजर आया। दरअसल गुर्जर आरक्षण को लेकर 22 अप्रैल को दौसा जिले के सिकंदरा में प्रस्तावित समाज की महापंचायत पर संशय पैदा हो गया है। महापंचायत की घोषणा करने वाले गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक किरोड़ी सिंह बैसला ने महापंचायत से किनारा कर लिया है।
मुख्यमंत्री राजे ने किये गुर्जर समाज के हितों में कार्य
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे राजस्थान की सभी कौमों को साथ लेकर तरक्की की राह पर चल रही है लेकिन कुछ समाज और राजनितिक द्वैषता वाले लोग समाजों को आपस में बरगलाने का कार्य करते है। राजस्थान सरकार ने गुर्जर समाज के लिए जो कुछ किया है वो पिछले कई सालों में किसी भी सरकार ने नही किया। मुख्यमंत्री राजे ने गुर्जर समाज के लिए सभी क्षेत्रों की विभिन्न योजनाए बनाई और इन योजनाओं से जरिए समाज को प्रभुत्व देने की कोशिश की। गुर्जर नेता बैंसला ने कहा कि वे किसी भी महापंचायत के पक्ष में नही है उन्होने बताया कि वे हिंडौन में हैं और फिलहाल किसी महापंचायत का हिस्सा नहीं हैं। पिछले हफ्ते बैंसला के हिंडौन स्थित आवास पर बैठक के बाद ही 22 अप्रैल को सिकंदरा में महापंचायत करने और उसी दिन आंदोलन की घोषणा हुई थी।
आखिर क्यों कर रहे है गुर्जर महापंचायत
गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के प्रवक्ता हिम्मत सिंह ने बताया कि 22 अप्रेल को सिकंदरा में महापंचायत करके आंदोलन का एलान किया जाएंगा। गुर्जरों की मांग है कि 50 प्रतिशत के अंदर 5 प्रतिशत आरक्षण या ओबीसी का केटेगराइजेशन किया जाए। राज्य सरकार के साथ गुरुवार को हुई वार्ता में कोई निष्कर्ष नहीं निकला है। उधर स्थानीय पुलिस ने गुर्जरों की महापंचायत को गैर कानूनी बताते हुए हिम्मत सिंह सहित चार लोगों को नोटिस जारी करके कहा है कि महापंचायत की परमिशन नहीं ली गई है। ऐसे में महापंचायत हुई तो कानूनी कार्रवाई होगी।
शेडो पोस्ट क्रिएट कर नियुक्तिय़ां देने का प्रस्ताव
एसबीसी आरक्षण के तहत 9 दिसंबर 2016 से पहले की भर्तियों में अटकी नियुक्तियों के मामले में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष राज्य सरकार को 2 मई तक फार्मूला प्रस्तुत करना है कि नियुक्तियां कैसे दी जा सकती हैं? इस संबंध में राज्य सरकार ने तय किया है कि 1152 पदों की शेडो पोस्ट क्रिएट कराकर नियुक्तियां जारी कराई जा सकती है। यानी की भर्ती की संख्या में अतिरिक्त पोस्ट क्रिएट कराकर ये संभव होगा। इस फार्मूले से सामान्य वर्ग पर असर नहीं पड़ेगा और विवाद का समाधान भी हो सकेगा। राज्य सरकार ने गुर्जर सहित पांच जातियों को ओबीसी में आरक्षण के अलावा एक प्रतिशत अतिरिक्त आरक्षण देने की दिशा में काम शुरु करा दिया है।