मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने राज्य पक्षी गोडावण को बचाने के लिए कई योजना और कई मुहिम शुरु की है। इस राज्य सरकार द्वारा गोडावण को बचाने के लिए किए जा रहे प्रयासों के सार्थक परिणाम सामने आने लगे है। इसके तहत अंतरराष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञों की सलाह पर सरकार ने बारां जिले के सोरसन में गोडावण को बचाने के लिए प्रजनन केंद्र और जैसलमेर के मरू उद्यान में हैचिंग सेंटर खोलने का निर्णय किया है।
मरूउद्यान से आबादी का हो पुनर्वास
इस कार्यशाला बाद विशेषज्ञों और प्रतिभागियों ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से मुलाकात कर उन्हें गोडावण संरक्षण योजना की जानकारी दी। पर्यावरण संरक्षण के लिए गोडावण की विलुप्त होती प्रजाति को बचाना बेहद जरूरी है। पर्यावरण विशेषज्ञों ने मुख्यमंत्री राजे को जानकारी दी कि यह बात स्थानीय लोगों को समझाई जानी चाहिए, जिससे वे इनके संरक्षण में सहभागी बन सकें। राजे ने मरू उद्यान क्षेत्र में रहने वाले लोगों के लिए पुनर्वास की व्यवस्था सुनिश्चित करने तथा उनको विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने की कार्यवाही में गति लाने की दिशा में अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए। उन्होंने डीएनपी क्षेत्र में रसोई गैस वितरण का कार्य भी जल्द पूरा करने को कहा।
अंतरराष्ट्रीय स्तर के विषेशज्ञों से ली गई सलाह
कार्यशाला में आए पर्यावरण विशेषज्ञों ने मुख्यमंत्री राजे को सवाई माधोपुर अभयारण्य की तर्ज पर गोडावण के संरक्षण में स्थानीय युवाओं को स्वयंसेवक के रूप में जोड़ने की योजना लागू करने का भी सुझाव दिया। बैठक में उज्बेकिस्तान में गोडावण संरक्षण पर कार्य कर रहे विशेषज्ञ कीथ स्कॉटलैण्ड तथा स्पेन के विशेषज्ञ जुआन कार्लोस अलेंग्जो ने इस पक्षी के संरक्षण के लिए वहां किए जा रहे प्रयासों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने प्रस्तावित गोडावण संरक्षण योजना में अपनी सेवाएं देने के लिए सहमति व्यक्त की।
पिछले साल तक 140 गोडावण, अब मिल सकती है खुशखबरी
डेजर्ट नेशनल पार्क (डीएनपी) और रामदेवरा के क्लोजरों वर्तमानम में भारतीय वन्य प्राणि संस्थान की पिछली गणना के मुताबित मार्च 2016 तक 140 गोडावण मौजूद थे। लेकिन इस बाद यहां गोडावण के 15 अंडों में से निकले 11 बच्चों के निकलने की खबर भी सामने आई है। ब्रिडिंग क्लोजर में गोडावण के प्रजनन के बाद एक बार यह संख्या 151 पहुंच गई थी अब देखना है इस सर्वे में कितनी संख्या मिलती है। इससे पूर्व 2014 के सर्वेक्षण में जैसलमेर जिले में 103, और 2015 में 133 गोडावण होने की पुष्टि हुई थी।
सरकार ने गोडावण बचाने को दिए 12.9 करोड़ रुपए
डेजर्ट नेशनल पार्क (डीएनपी) और रामदेवरा में ब्रिडिंग क्लोजरों की स्थापना और गोडावण संरक्षण के लिए राजस्थान सरकार ने 2013 में 12.9 करोड़ रुपए की ‘प्रोजेक्ट ग्रेट इन्डियन बस्टर्ड’ परियोजना शुरू की। इस प्रोजेक्ट के तहत 2,500 ब्रिडिंग क्लोजर बनाने थे। जानकारी के अनुसार विभाग 4 साल में 3,275 क्लोजर बना चुका है और इनकी मदद से अब गोडावण संरक्षण और प्रजनन में आशातित परिणाम सामने आना शुरू हो गए हैं।