बाढ़ संभावित ज़िलों के लिए सरकार करेगी स्थाई समाधान, राशन का वितरण होगा ऑफलाइन

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राजस्थान के चार राज्यों पाली, सिरोही, जालोर और बाड़मेर में आई जल आपदा सरकार की तत्पर कार्यप्रणाली अब ठहर सी चुकी है। इन क्षेत्रों में अब बारिश भी थम चुकी है। प्रभावितों को सरकार अतिशीघ्र राहत पहुंचाने का काम कर रही है। इसी बीच राज्य की मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा कि प्रदेश के जिन इलाकों में बाढ़ की आपदा आई है उन सभी संभावित इलाकों को नुकसान से बचाने के लिए अब स्थाई समाधान किया जाएगा। मुख्यमंत्री राजे ने कहा कि प्रदेश में ऐसे कई जिले और क्षेत्र हैं जहां कई बार बाढ़ के हालात उत्पन्न हो चुके हैं। इन क्षेत्रों में जलभराव की समस्या अधिक होती है। इससे स्थानीय जन-जीवन प्रभावित होता है। ऐसे सभी संभावित जिलों को आपदा से बचाने के लिए सरकार स्थाई समाधान निकालेगी। सोमवार को जालोर और सिरोही में पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री राजे ने यह बात कही। मुख्यमंत्री राजे ने बताया कि प्रभावितों को शीघ्रातिशीघ्र हर तरह की सहायता देने के लिए सरकार काम कर रही है। प्रभावित क्षेत्रों में अब राशन का वितरण ऑफलाइन किया जाएगा।

 अधिकारियों की बैठक में कहा- बाढ़ पीड़ितों के आंसू मेरे आंसू:

राज्य में बाढ़ से सर्वाधिक प्रभावित हुए जालोर ज़िलें में हालातों का जायज़ा लेने के लिए मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे वहां ज़मीनी स्तर तक गई थी। जालोर में आई बाढ़ की स्थिति देखकर मौके पर ही मुख्यमंत्री ने आमजन की राहत के दिशानिर्देश दिए। इसके बाद मुख्यमंत्री ने सम्बंधित अधिकारियों की बैठक ली। इसमें मुख्यमंत्री राजे ने कहा कि सभी को आपदा की इस घडी में प्रभावितों की मदद के लिए पूरी तरह जुटना होगा। जनता को विश्वास दिलाते हुए मुख्यमंत्री राजे ने कहा कि राज्य सरकार आपदा की इस घड़ी में पीड़ितो के साथ खड़ी है और सरकार उनकी हर संभव मदद कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ पीड़ितों का दर्द मेरा दर्द है। उनके आंसू मेरे आंसू हैं। उन्हें अतिशीघ्र राहत पहुंचाना मेरी पहली प्राथमिकता है। इसमें किसी प्रकार की देरी या लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

आपदा नियंत्रण के लिए सरकार जुटी हुई है पहले से ही:

मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने बताया कि 24-25 जुलाई को जब राज्य के इन ज़िलों में बाढ़ की स्थिति बनी थी, तब ही प्रभावित इलाकों में सरकार के प्रभारी मंत्रियों और प्रभारी सचिवों को भेज दिया गया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय प्रशासन, पुलिस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना, सीआरपीएफ एवं होमगार्ड ने पूरी मुस्तैदी और हिम्मत से रात-दिन राहत एवं बचाव कार्य चला रखा हैं। आपदा में फंसे हुए लोगों को बचाने के लिए राहत एवं बचाव दल पीड़ितों तक तत्काल पहुंच रहे हैं। अब तक 11 हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। हेलिकॉप्टर के माध्यम से भी 42 लोगों की जानें बचाई गई हैं।

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