राजस्थान सरकार ने प्रदेश के 11 लाख किसानों को बड़ी राहत देते हुए कृषि कनेक्शनों पर 25 पैसे प्रति यूनिट बढ़ी हुई दर वापस लेने का ऐलान किया है। प्रदेश में विद्युत उत्पादन और दरों सहित विभिन्न मुद्दों पर चले मंथन के बाद आखिर सरकार ने ये फैसला लिया गया है। ऊर्जा मंत्री पुष्पेंद्र सिंह ने बैठक में लिए गए फैसलों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि सरकार ने कृषि कनेक्शनों की बढ़ी हुई दरों को वापस लेने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री राजे प्रदेश के किसानों पर सरकार की और से कोई अतिरिक्त भार नही देना चाहती ऐसे में राज्य सरकार ने एक बड़ा फैसला करते हुए बिजली डिस्कॉम्स को 500 करोड़ को भुगतान कर रही हैं और बढ़ी हुई दरों को वापस लिया हैं। राज्य सरकार ने किसानों को लिए बिजली की बढ़ी हुई दरें वापस लेने के लिए प्रदेश के स्टॉकहोल्डर्स, किसान प्रतिनिधियों, पार्टी के आलाधिकार्यों और लोगों से वार्ता की हैं।
जमा बिल अगले बिल में हो जायेगा समायोजित
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि इस फैसले को लागू होने के साथ ही जिनके बिल जमा हुए हैं उनके अगले बिलों में बढ़ी कीमतों की राशि पुनः समायोजित कर दी जायेगी। वहीं बिजली बिलों की शिकायतें दूर करने के लिए उपखंड व पंचायत स्तर पर शिविर लगाने के भी निर्देश दिए जा रहे हैं। वहीं, ऊर्जा मंत्री ने ये भी दावा किया कि शहरों में अब बिजली कटौती नहीं होगी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में बिजली छीजत में कमी आई है। इस महत्वपूर्ण बैठक में ऊर्जा मंत्री के अलावा प्रमुख सचिव संजय मल्होत्रा और सीएमडी श्रीमत पांडे सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
2016 में नियामक आयोग ने बढ़ाई थी बिजली की दरें
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि बिजली की दरें बढ़ाने के लिए नियामक आयोग में प्रतिवर्ष याचिका लगाई जाती हैं। पिछले दो साल में नियामक आयोग द्वारा बढ़ाई गई दरों का भार राज्य सरकार ने लिया था और किसानों से पहले की दरों पर ही भुगतान लिया गया था। सितंबर 2016 में भी नियामक आयोग ने बिजली की दरें 25 पैसे प्रति यूनिट बढ़ाई थी।
सामान्य श्रेणी के किसानों को भी मिला यह लाभ
राज्य सरकार ने सामन्य श्रेणी के किसानों को लाभ पहुंचाते हुए यह फैसला किया हैं कि मीटर एवं फ्लैट के काश्तकारों से बढ़ी हुई दरें वापस ली जाती हैं। अब मीटर पर 1.15 के साथ पर 90 पैसे प्रति यूनिट और प्लैट रेट के काश्तकारों से 120 रुपए के स्थान पर 85 रुपए एच,पी ही देय होगा।
जिला स्तर पर भी हो सकेगा कृषि कनेक्शन स्थानन्तरित, वी.सी. आर. में राहत
ऊर्जा मंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि पहले कृषि कनेक्शनों का स्थानांतरण पंचायत समिती स्तर पर ही होता था लेकिन अब कृषि कनेक्शनों को स्थानानंतरण जिला स्तर पर आसानी से किया जा सकेगा। वहीं किसानों के लिये सिविल लाइबिलिटी के अलावा समझौता राशि को पहेल से कम किया गया हैं। कृषि उपभोक्ताओं के लिये सिविल लाईबिलिटी की अधिकतम अवधि 4 माह से घटा कर मात्र 2 महीने की गई हैं साथ ही समझौता राशि की दर को भी 2000 रूपये प्रति एच.पी. से घटाकर 1000 रूपये प्रति एच.पी. कर दिया गया है। वीसीआर की शिकायतों की सुनवाई के लिए जिला स्तर पर मॉनिटरिंग कमेटी बनाई जिससे शिकायत मिलने के 15 दिन में ही निस्तारण किया जायेगा।
मांग-पत्र राशि जमा कराने का मिला एक और अवसर
ऊर्जा मंत्री सिंह ने बताया कि कोई कृषि आवेदक जो मांग पत्र समय पर जमा नहीं करा पाए उन्हे दिसम्बर, 2014 तक के आवेदकों को मांग पत्र राशि जमा कराने का एक ओर अवसर दिया था। अब दिसम्बर, 2014 के बाद भी किसी कारण मांग राशि जमा न कर सके किसानों को मांग राशि जमा कराने पर एक अवसर और प्रदान किया जायेगा।