चुनाव आयोग ने दिल्ली में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार को एक बड़ा झटका दिया है। चुनाव आयोग ने हाल ही में आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों लाभ के पद पर रहने का दोषी मानते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को इन्हें आयोग्य घोषित करने की सिफारिश की है। दरअसल, ये सभी 20 विधायक 13 मार्च 2015 से 8 सितंबर 2016 तक संसदीय सचिव रहे थे। नियमों के अनुसार राष्ट्रपति सिफारिश मानने को बाध्य है। वे जिस दिन इन्हें अयोग्य करार देंगे, इसके 6 माह में उपचुनाव होंगे। हालांकि, इससे बावजूद केजरीवाल सरकार को सरकार गिरने का कोई खतरा नहीं होगा। राजस्थान में भी कुछ ऐसी ही स्थिति है। यहां भी दिल्ली सरकार वाले हाल हो सकते हैं। आइये जानते हैं राजस्थान में भी वही हाल क्यों बन रहे हैं… Arvind Kejriwal
राजस्थान में संसदीय सचिव मामले में हाईकोर्ट में लगी हुई है याचिका: Arvind Kejriwal
हाल ही में दिल्ली में मचे बवाल के बाद अब देश के उन राज्यों में भी हलचल मच रही है जहां विधायकों को संसदीय सचिव बनाकर लाभ का पद दिया गया है। राजस्थान भी ऐसे राज्यों में शामिल है। खास बात यह है कि यहां भी संसदीय सचिवों की नियुक्ति मामले में उच्च न्यायालय में याचिका लगी हुई है। आप पार्टी की केजरीवाल सरकार पर आरोप है कि उन्होंने 20 विधायकों को संसदीय सचिव बनाकर लाभ दिया है। राजस्थान में भी वर्तमान सरकार ने दस विधायकों को संसदीय सचिव बनाया हुआ है। राजस्थान के 10 संसदीय सचिवों में विधायक जितेन्द्र गोठवाल, भैराराम चौधरी, नरेन्द्र नागर, लादूराम विश्नोई, सुरेश रावत, विश्वनाथ मेघवाल, भीमा भाई, ओमप्रकाश व शत्रुघ्न गौतम शामिल है।
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राजस्थान में संसदीय सचिव बनाने की पुरानी परंपरा:
राजस्थान सरकार के 10 विधायकों को लाभ का पद दिए जाने के फैसले को राजस्थान हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। इस मामले में हाईकोर्ट ने बीते वर्ष नवंबर में राज्य सरकार को नोटिस जारी कर राज्य सरकार से चार दिसंबर तक जवाब भी मांगें थे। लेकिन सरकार की ओर से इस मामले में कोई जवाब पेश नहीं करने पर पहले मामले की सुनवाई 16 जनवरी 2018 और फिर आगामी चार सप्ताह के टाल दी गई है। उल्लेखनीय है कि राजस्थान में संसदीय सचिव बनाने की पुरानी परंपरा रही है। इससे पूववर्ती अशोक गहलोत सरकार ने भी अपने कार्यकाल में 13 विधायकों को संसदीय सचिव का दर्जा दिया था।
संसदीय सचिवों को मिलता है राज्य मंत्री स्तर का दर्जा एवं सुविधाएं: Arvind Kejriwal
विशाल भू—भाग पर फैले राजस्थान राज्य की कुल जनसंख्या 7 करोड़ से ज्यादा है। यहां वर्तमान में वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार सत्ता में है। वर्ष 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने रिकॉर्ड 163 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इसके बाद यहां नियमों के अनुसार कुल विधायकों में 15 प्रतिशत को मंत्री बनाया गया था। राजस्थान में अभी मुख्यमंत्री सहित 30 विधायक मंत्री पद पर हैं। इनके अलावा 10 संसदीय सचिव भी हैं। गौरतलब है कि संसदीय सचिवों को राज्य मंत्री स्तर का दर्जा दिया जाता है, जिसके तहत संसदीय सचिवों को सरकारी बंगला सहित मंत्रियों को मिलने वाली अन्य सुविधाएं भी इन्हें दी जाती है।