राजस्थान में जल्दी ही एक दिव्यांग विश्वविद्यालय शुरू होने जा रहा है। इतना ही नहीं, आगामी सत्र से यहां प्रदेश की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। हाल में मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने एक आयोजन में इसकी घोषणा की थी। राजस्थान देश का पहला राज्य है जहां दिव्यांग विश्वविद्यालय की घोषणा की गई है जिसे आगामी शिक्षा सत्र से शुरू करने का प्रयास किया जाएगा। Divyang University in Rajasthan
विश्वविद्यालय शुरू होने के बाद दिव्यांग शिक्षा व सफलता में निश्चित तौर पर तेजी आएगी। इस संबंध में प्रदेश के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ.अरूण चतुर्वेदी ने कहा कि शहर के जामडोली में अस्थाई तौर पर उपलब्ध भवनों में शुरू करने के लिए कार्य योजना तैयार की जा रही है। दिव्यांग विश्वविद्यालय के नियम लगभग तैयार हो चुके है जिसे केबिनेट से अनुमोदन कराया जाएगा। Divyang University in Rajasthan
दिव्यांग कोष का गठन, आरक्षण भी बढ़ाया Divyang University in Rajasthan
डॉ.अरूण चतुर्वेदी ने बताया कि दिव्यांगजनो को राहत देने के लिए राज्य सरकार ने एक करोड़ रूपए का प्रावधान कर दिव्यांग कोष का गठन किया है। इसके साथ-साथ केन्द्र व राज्य सरकार ने नौकरी में दिव्यांगजनों का आरक्षण 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 4 प्रतिशत किया है। इसके अलावा, कई सुविधाओं को बढाने के साथ दिव्यांग के जीवन स्तर को उठाने के लिये सरकार काम कर रही है। जयपुर में 80 सरकारी भवनों को दिव्यांग फ्रेन्डली बनाने के लिए सार्वजनिक निर्माण विभाग को बजट आवंटन किया गया है। कई भवनों में लिफ्ट रैम्प व अन्य कार्य गति से चल रहे है। Divyang University in Rajasthan
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पंचायत-निकाय चुनावों में आरक्षण देने की तैयारी
पंचायतीराज और निकाय चुनावों में दिव्यांगों को आरक्षण देने की कवायत भी प्रदेश सरकार चला रही है। इस संबंध में वसुन्धरा सरकार जल्द ही कोई निर्णय ले सकती है। अगर ऐसा होता है तो सरकारी नौकरियों की तर्ज पर ही 50 प्रतिशत के अंदर दिव्यांगों को पांच प्रतिशत तक आरक्षण मिलना शुरू हो जाएगा।