धौलपुर जिले में 9 अप्रैल को होने वाले विधानसभा उपचुनाव को लेकर भाजपा और कांग्रेस दलों के बीच मानों जंग सी छिड़ गयी है। दोनों बड़ी पार्टियां अपना दम-खम दिखाने के लिए पूरी तरह से मैदान में उतर गयी हैं। भाजपा ने अपनी तरफ से उप-चुनाव के प्रसार के लिए सभी दिग्गजों को चुनाव मैदान में उतार दिया है। भाजपा की तरफ से प्रचार की कमान राज्य कैबिनेट के अहम् मंत्री– राजेन्द्र राठौड़, पुष्पेंद्र सिंह तथा कालीचरन सर्राफ ने संभाल रखी है। इसके अलावा खुद राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी समय-समय पर अपने मंत्रियों की हौसला अफ़ज़ाई के लिए धौलपुर आती रहती हैं।
कुल मिला के मंत्रिमंडल के बारह से अधिक मंत्रियों ने भाजपा की जीत सुनिश्चित करने हेतु धौलपुर में डेरा डाल रखा है। पार्टी के सदस्यों ने सभी कार्यकर्ताओं को जनता तक अपना विकास का सन्देश पहुंचाने की जिम्मेदारी दी है। बक्फ बोर्ड विकास परिषद अध्यक्ष अब्दुल सगीर, पशुधन विकास बोर्ड अध्यक्ष जगमोहन बघेल तथा धौलपुर सांसद मनोज राजोरिया सहित कई छोटे-बड़े नेता एवं विधायक लगातार जनसम्पर्क में हैं। सबको उम्मीद है की राजस्थान की जनता मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे द्वारा राज्य में किये गए विकास कार्य के आधार पर उन्हें आगामी धौलपुर उप चुनाव में भारी बहुमत दिलाएगी।
वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के खेमे में भी प्रचार प्रसार ज़ोरों पर है। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट सहित कांग्रेस के सभी अहम् नेता धौलपुर में अपना डेरा जमा चुके हैं। उत्तर प्रदेश सहित अन्य चार राज्य सभा विधानसभाओं में भाजपा द्वारा बुरी तरह पराजित हुई कांग्रेस अबकी बार अपना खाता धौलपुर से खोलना चाहती है। क्योंकि धौलपुर स्वयं मुख्यमंत्री का गृह क्षेत्र है, कांग्रेस इस सीट पर जीत दर्ज करवा कर अपने सदमे से उभरने के प्रयास में लगी हुई है। परंतु हर बार की तरह इस बार भी उनके पास सिवाय भाजपा सरकार को कोसने एवं प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गयी नोटबंदी पर भाजपा को घेरने के अलावा और कोई चारा नहीं है। इधर बीच कांग्रेस ने पूरे देश में होने वाले सभी चुनावों में कहीं भी अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है जिसके आधार पर वे जनता से वोट मांग सकें। इस कारणवश हर बार की तरह इस बार भी वे जाति-कार्ड तथा आरोपों के सहारे अपनी नैय्या पर लगाने में जुटे हुए हैं।
इस ज़ोरदार चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा की तरफ से मुख्यमंत्री के पुत्र सांसद दुष्यंत सिंह एवं पुत्रवधु युवरानी निहारिका राजे भी धौलपुर पहुंचे। उन्होंने डोर-टू-डोर जाकर जनता से भाजपा प्रत्याशी शोभारानी कुशवाह को जिताने के लिए अपील की। गौरतलब ये है कि झालावाड़ के सांसद दुष्यंत सिंह जी अपने क्षेत्र में किये गए कामों की वजह से प्रसिद्ध हैं। वहीं हाल ही में उनके एवं अन्य कार्यकर्ताओं के अनुरोध पर मुख्यमंत्री ने धौलपुर में १०० करोड़ की लागत से जिला अस्पताल बनाने की घोषणा की है जिससे जनता उत्साहित है। इसलिए दुष्यंत सिंह और निहारिका राजे का कई स्थानों पर लोगों ने ज़ोर शोर से स्वागत भी किया। कई टीवी चैनलों ने उनके आगमन की न्यूज़ कवर भी कवर की। इन सबसे परे चुनाव प्रचार में जयपुर से लौटी मुख्यमंत्री ने अपने पैलेस में 53 गांवों के बूथ स्तरीय कार्यकर्ताओं के साथ मीटिंग बुला के चर्चा की। अपनी तरफ से किसी ने भी भाजपा के प्रचार में कोई कसार नहीं छोड़ी।
इन सबसे बिफरी कांग्रेस भी अपनी जुगत भिड़ाने में लग गयी। कांग्रेस की तरफ से सचिन पायलट ने 14 गांवों में नुक्कड़ सभाएं की और कांग्रेस के लिए जनता से वोट मांगे। उन्होंने विशेष तौर पर अपने कौम के लोगों से उनकी पार्टी का समर्थन करने का निवेदन किया। मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी कांग्रेस उम्मीदवार बनवारी लाल को जितने हेतु जनता से मांग की। उन्होंने जाटौली गांव में पहुंचकर एक जनसभा को संबोधित किया और भाजपा सरकार के दावे पर निशाना साधते हुए कहा कि जिस विकास के नाम पर भाजपा धौलपुर के लोगों से वोट मांग रही है, अगर उस विकास को पिछले साढ़े 3 सालों में कराया गया होता तो आज धौलपुर की तस्वीर अलग नजर आती। देखा जाये तो अगर खुद गहलोत ने अपने कहे अनुसार अगर 2013 से पूर्व पूरे राजस्थान का विकास किया होता तो भाजपा कभी सत्ता में आती ही नहीं। इसके अतिरिक्त गहलोत ने मुख्यमंत्री राजे पर तंज कसते हुए बोला कि “लोकतंत्र में राजनेताओं को जनता के बीच जाकर वोट मांगना होता है, जबकि यहां की मुख्यमंत्री लोगों को घर पर बुलाकर वोट मांग रही हैं”। इसी तरह से आरोपों और छीटांकशी के बीच कांग्रेस की जनसभा समाप्त हुई।
अब सबकी नज़रें केवल 9 अप्रैल और उसके बाद आने वाले नतीजों पर है। अब देखना ये है कि जनता किसे चुनती है।