धौलपुर उपचुनाव ने तोड़ा सचिन पायलट का मुख्यमंत्री बनने का सपना, कांग्रेस की करारी हार पर एक नज़र

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Ashok Gehlot and Sachin Pilot

धौलपुर विधानसभा उपचुनाव में एक बार फिर से जनता ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के नेतृत्व का साथ दिया है। राजस्थान में वसुंधरा राजे की लहर इस कदर है कि किसी भी अन्य पार्टी या दल के लिए लोगों के दिलों में जगह नही हैं। धौलपुर विधानसभा उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी शोभारानी कुशवाहा को मिले भारी बहुमत से सिद्ध होता है कि कांग्रेस को जनता ने सिरे से नकार दिया है अब प्रदेश के लोगों को सिर्फ मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का साथ चाहिए। प्रदेश कांग्रेस ने पीसीसी अध्यक्ष सचिन पायलट को धौलपुर चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में भेजा था लेकिन बुरी तरह से हुई हार ने पायलट के पांव जमीन से उखाड़ फैंके हैं। जहां कांग्रेस सचिन पायलट को राजस्थान में मुख्यमंत्री के रुप में प्रोजेक्ट कर रही थी अब वो सपने तार तार हो गये हैं। आईये एक नज़र डालते हैं इन बातों पर कि कैसे हुई कांग्रेस की करारी हार।

मुख्यमंत्री राजे में धौलपुर की जनता का विश्वास

धौलपुर विधानसभा उपचुनाव में भाजपा की जीत का प्रमुख कारण क्षेत्र की जनता का मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे में विश्वास होना रहा हैं। जनता आज भी मुख्यमंत्री राजे में विश्वास रखती हैं, विकास के साथ चलकर विकास की बात में जनता भरोसा रखती हैं ऐसे में कांग्रेस द्वारा किया गया राजे के खिलाफ प्रदर्शन भी राजे की जीत को निश्चित कर रहा था।

सचिन पायलट का अतिउत्साह

धौलपुर के चुनाव मैदान में कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट अन्त तक डटे रहे। कांग्रेस प्रत्याशी बनवारी लाल शर्मा के समर्थन में सचिन घर घर घूम कर लोगों से वोट करने की अपील कर रहे थे। पायलट को उम्मीद थी कि चुनाव में कांग्रेस की भारी बहुमत से जीत होगी लेकिन अतिउत्साह के कारण सचिन औंधे मुंह जमीन पर गिरे। हार का अंतर इतना बड़ा था कि कांग्रेस प्रत्याशी सचिन पायलट के साथ इसे संभाल नही सके।

वयोवृद्ध प्रत्याशी पर खेला कांग्रेस ने दाव

कांग्रेस ने भाजपा प्रत्याशी शोभारानी कुशवाहा के सामने वयोवृद्ध प्रत्याशी बनवारी लाल शर्मा को मैदान में उतारा। 85 वर्षिय बनवारी लाल शर्मा चलने फिरने में भी असमर्थ थे ऐसे में कांग्रेस का जनता में नकारात्मक मैसेज गया और इसका जवाब भी धौलपुर की जनता ने सचिन पायलट और बनवारी जी को दे दिया।

मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ बोलना

प्रदेश कांग्रेस चीफ सचिन पायलट अभी मैदान में नये हैं, खुद चुनाव हारे हुए हैं लेकिन फिर भी इसके नतीजों को दरकिनार किया। धौलपुर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का गृहक्षेत्र हैं, ऐसे में धौलपुर की जनता को अपनी महारानी के खिलाफ किसी क बोलना गवारा नही लगा। कांग्रेस प्रत्याशी को मुख्यमंत्री राजे के प्रकोप का भी सामना करना पड़ा।

हारों की टोली निकली बनवारी को हराने

धौलपुर विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी बनवारी लाल शर्मा के समर्थन में हारों की टोली ने काम किया। जो लोग अपने अपने क्षेत्र में चुनाव हार चुके है वो लोग बनवारी जी के समर्थन में जनता से वोट मांग रहे थे। इनसे सचिन पायलट, ममता भूपेश, गिरिजा व्याज जैसे बड़े बड़े नाम भी शामिल हैं।

नही चला पूर्वमुख्यमंत्री गहलोत का जादू

धौलपुर चुनाव में कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्वमुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी पूरा जोर लगा दिया लेकिन अपने हिस्से के वोट निकालने में नाकामयाब रहे। गहलोत ने तीन बार धौलपुर का दौरा किया और कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में लोगों से वोट अपील की । जनता ने कांग्रेस नेतृत्व को नकारते हुए भाजपा के पक्ष में मतदान किया जिसका परिणाम सामने है। गहलोत और पायलट की आपसी लड़ाई भी कहीं न कहीं हार का बड़ा कारण हैं।

खैर धौलपुर में तो कांग्रेस को मुंह की खानी पड़ी लेकिन आगामी विधानसभा चुनाव 2018 में क्या होता हैं इस चुनाव ने उसकी भी भविष्य वाणी कर दी। कांग्रेस का सफाया करने में राजस्थान के लोगों ने कोई कोर कसर नही छोड़ी है बल्कि इस काम में प्रदेश की जनता ने मुख्यमंत्री राजे का साथ ही दिया हैं। क्षेत्र के लोग विकास चाहते है और विकास के नाम पर ही किसी पर भरोसा करते हैं। चुंकी केंद्र औऱ राज्य में भाजपा की सरकार होना भी इस चुनाव को भाजपा की पक्ष में ड़ालता हैं।

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