माता की पूजा पर कोरोना का साया, इन मंदिरों में नहीं होंगे नवरात्रा में दर्शन

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    जयपुर। पूरे राजस्थान को तेजी से अपनी चपेट में ले रही कोरोना की दूसरी लहर को देखते हुये प्रदेश में एक बार फिर से बड़े मंदिरों के पट बंद होने का सिलसिला शुरू हो गया है। कोरोना महामारी चैत्र नवरात्र में शक्ति की आराधना पर हावी रहेगी। राजस्थान में नवरात्र पर 13 से 21 अप्रेल तक प्रदेश के अधिकांश मंदिरों में श्रद्धालु माता के दर्शन नहीं कर पाएंगे। हालांकि इस दौरान गिने-चुने मंदिर खुले रहेंगे, लेकिन वहां पूर्ण सोशल डिस्टेंसिंग व सेनेटाइजेशन के साथ ही दर्शन हो पाएंगे।

    मंदिरों में नहीं मिलेगा प्रवेश
    जहां मंदिर बंद रहेंगे, वहां पुजारियों की ओर से पूजा अर्चना करवाई जाएगी। अन्य धार्मिक कार्यक्रम भी यथावत होंगे, लेकिन श्रद्धालुओं का प्रवेश नहीं होगा। कई मंदिरों के बाहर एलईडी लगाई गई हैं ताकि श्रद्धालु दूर से ही माता के दर्शन कर लें। आमेर स्थित शिलामाता मन्दिर दर्शनार्थियों के लिए बंद रहेगा। मेला भी नहीं भरेगा। जमवारामगढ़ स्थित जमवाय माता मंदिर भी आम दर्शनार्थियों के लिए नवरात्र में बंद रहेगा। आमेर स्थित मंशा माता मंदिर में भक्तों को प्रवेश निषेध रहेगा। रामगढ़ बांध के पास स्थित प्रसिद्ध जमवाय माता मंदिर के पट मंगलवार से आगामी आदेश तक बंद रहेंगे।

    पट रहेंगे बंद
    जोधपुर के मेहरानगढ़ स्थित मां चामुण्डा का मंदिर, जैसलमेर के चमत्कारी तनोटराय मंदिर में, बीकानेर के देशनोक करणी माता मंदिर और नागणेचेजी मंदिर, चित्तौडगढ़़ के शक्तिपीठ झांतला माता, जोगणियां माता, आसावरा माता शक्तिपीठ, शाकंभरी माता मंदिर झुंझुनूं, मां जीण भवानी सीकर के पट बंद रहेंगे। वहीं कोटा के डाढ़ देवी व करनी माता मंदिर में श्रद्धालुओं को प्रवेश नहीं। हनुमानगढ़ के पल्लू स्थित मां ब्रह्माणी के एतिहासिक मंदिर में मेला नहीं भरेगा। नवरात्र पर मंदिर के कपाट बंद रहेंगे। नागौर के शाकंभरी माता मंदिर में मेले सहित सभी आयोजन निरस्त रहेंगे। जायल स्थित गोठ मांगलोद दधिमती माता मंदिर मे नवरात्रि मेला स्थगित, दर्शन भी बंद। उदयपुर: कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते उदयपुर में प्रशासन ने कोरोना गाइडलाइन के तहत धर्म स्थलों को 10 दिन के लिए बन्द कर दिया गया है।

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