कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी के सभी आला कमान के साथ राजस्थान के प्रमुख नेता 9 अप्रेल को उपवास रख चुके हैं। लेकिन देश में सांप्रदायिक सौहार्द और दलितों के खिलाफ अत्याचार के मुद्दे पर देशव्यापी अनशन बताने वाले कांग्रेसियों का यह कदम उपवास न होकर उपहास का पात्र बन गया है। Congress Fast
आगामी लोकसभा चुनावों को देखते हुए दलित समाज के समर्थन के लिए केवल ढोंग—दिखावे का चोला ओढ़कर किया गया यह उपवास सच्चे मायनों में उपहास ही है। केवल 3 घंटे का कांग्रेसियों का उपवास और उससे चंद घंटों पहले पार्टी के कुछ नेताओं की छोले—भटूरे खाते हुए फोटो वायरल होने से पार्टी के इस कदम की जमकर फजितियां उड़ रही है।
दूसरी ओर, भाजपायी नेताओं ने गुरूवार (12 अप्रेल) को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के नेतृत्व में तमाम सांसद सहित नेताओं के साथ पूरे दिन का उपवास रखा। कांग्रेस की विभेदकारी नीतियों के खिलाफ यह उपवास रखा गया है।
दरअसल प्रधानमंत्री मोदी ने संसद नहीं चलने देने के लिए विपक्ष और ख़ासतौर पर कांग्रेस को ज़िम्मेदार ठहराया है। 2 अप्रेल को भारत बंद के दौरान हिंसा और दलितों के मामले ने जिस तरह के तूल पकड़ा, उसके पीछे विपक्ष भाजपा को जिम्मेदार बता रही है।
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जबकि सच तो यह है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भारत बंद के दौरान टविट कर दलित समाज के इस कदम को सलाम ठोका था। लेकिन जब हिंसा हुई तो उन्होंने अपने शब्द और कान दोनों बंद कर परिणाम का ठीकरा भाजपा के सिर फोड़ा। साथ ही भाजपा के उपवास के ठीक तीन दिन पहले देशव्यापी अनशन कर इस मौके को भी बखूबी भुनाने का प्रयास किया।
देश में सांप्रदायिक सौहार्द और दलितों के खिलाफ अत्याचार के मुद्दे पर कांग्रेस के आलाकमान, सांसद और नेताओं ने 9 अप्रेल को—सोमवार को देशव्यापी अनशन करने का एलान किया। पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने उपवास के लिए जगह चुनी दिल्ली में राजघाट स्थिति महात्मा गांधी की समाधि, ताकि लोगों की सहानुभूति मिल सके।
पर उपवास करेंगे. लेकिन भरपेट छोले—भटूरे खाकर भरे हुए पेट से पार्टी के नेता उपवास करने बैठे और वह भी केवल 3 घंटों के लिए, जो सच में एक उपहास ही था। Congress Fast