इस ‘क्लिक’ से खुलेगा राजस्थान में डिजिटल इंडिया का रास्ता, ‘डिजिटल इंडिया’ के साथ होगा कौशल संपन्न राजस्थान

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वसुन्धरा राजे के नेतृत्व में राजस्थान में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने कई ऐतिहासिक नवाचार किए हैं। जिनकी राष्ट्रीय स्तर पर सराहना हुई है। पहली बार रिकॉर्ड 15 लाख विद्यार्थियों का नामांकन बढ़ा है। अब राजस्थान शिक्षा के क्षेत्र में दूसरे राज्यों के लिए मॉडल बन गया है।

राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की पहल पर प्रदेश के राजकीय माध्यमिक, उच्च माध्यमिक और स्वामी विवेकानंद मॉडल स्कूलों में कक्षा 6 से 10 तक के विद्यार्थियों को कम्प्यूटर में दक्ष करने के लिए आगामी शिक्षा सत्र से कम्प्यूटर लिटरेसी एनिशिएटिव फॉर कॉप्रीहेंसिव नॉलेज (क्लिक) योजना प्रारंभ की जाएगी।

कम्प्यूटर शिक्षण की महत्वाकांक्षी योजना

शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी ने बताया कि विद्यालयों में कम्प्यूटर शिक्षण की इस महत्वाकांक्षी योजना का संचालन राज्य के विद्यालयों के विकास के लिए बनी विद्यालय विकास एवं प्रबंधन समिति के माध्यम से स्ववित्त पोषित योजना के रूप में किया जाएगा। विद्यार्थियों को योजना के तहत राजस्थान नॉलेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आरकेसीएल) के अधिकृत सूचना प्रौद्योगिकी ज्ञान केन्द्रों के सहयोग से कम्प्यूटर प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।

‘डिजिटल इंडिया’  के साथ होगा कौशल संपन्न राजस्थान

उन्होंने बताया कि इस योजना का मूल उद्देश्य ‘डिजिटल इंडिया’ कल्पना को साकार करते हुए राजकीय विद्यालयों में अध्यनरत विद्यार्थियों को भावी डिजिटल युग की मांग के अनुरूप कौशल संपन्न करना है। मंत्री देवनानी ने बताया कि प्रथम चरण में ऐसे स्कूलों का चयन किया जाएगा जिनमें कक्षा 6 से 10 तक न्यूनतम 200 का नामांकन है। प्रशिक्षण योजना में पंजीकरण संख्या 200 से कम रहने की स्थिति में कक्षा 5 के विद्यार्थियों को भी पंजीकृत किया जा सकेगा और कक्षा 6 से 8 व कक्षा 9 से 10 के लिए पृथक-पृथक पाठ्यक्रमों को निर्धारित किया गया है।

उन्होंने बताया कि कि प्रदेश के राजकीय विद्यालयों में अध्यनरत विद्यार्थियों को कम्प्यूटर में दक्ष कर उन्हें भविष्य की बिजनेस तकनीकी चुनौतियों से निपटने के योग्य बनाना है। इसके लिए मुख्यमंत्री राजे ने इस संबंध में कुछ समय पहले ही बीकानेर प्रवास के दौरान घोषणा की थी।

एकीकरण करने वाला राजस्थान पहला राज्य

मुख्यमंत्री ने कहा कि 5 हजार माध्यमिक विद्यालयों को उच्च माध्यमिक विद्यालयों में क्रमोन्नत किया गया है। अब पंचायत स्तर पर 9 हजार 895 आदर्श उच्च माध्यमिक विद्यालयों में पहली से 12वीं तक की शिक्षा एक ही स्कूल में मिल रही है। साथ ही, 9 हजार 610 उत्कृष्ट विद्यालयों में कक्षा 1 से 8 तक की पढ़ाई एक ही स्कूल में हो रही है। बड़े पैमाने पर स्कूलों के एकीकरण व क्रमोन्नयन की पहल करने वाला राजस्थान देश में पहला राज्य है।

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