राजस्थान की धरती रंग बिरंगी हैं। यहा हर दिन कई उत्सव कई त्योंहार मनाएं जाते हैं। राजस्थान को नई पहचान दिलाने में यहां के उत्सव और पर्वों का बड़ा योगदान हैं। इसी कड़ी में राजस्थान शुक्रवार से जंगल के राजा बाघों की धरती रणथंभौर पर एक पर्व मना रहा हैं। रणथंभौर फेस्टिवल का शुभारंभ शुक्रवार को मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने किया। तीन दिवसीय रणथंभौर फेस्टिवल का सवाईमाधोपुर के नाहरगढ होटल में रंगारंग आगाज हुआ। मुख्यमंत्री ने रणथम्भौर फेस्टिवल का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया। उन्होंने इस अवसर पर लगी प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।
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राजस्थान पर्यटन क्षेत्र में देश का सिरमौर प्रदेश
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने रणथंभौर फेस्टिवल का आगाज करते हुए कहा कि राजस्थान में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। राज्य सरकार के प्रयासों से राजस्थान पर्यटन के क्षेत्र में देश का सिरमौर राज्य बनकर उभरा हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के पर्यटन के सफल मीडिया कैम्पेन, बेहतर मार्केटिंग तथा इस क्षेत्र में आधारभूत सुविधाओं के विकास के लिए राज्य सरकार ने जो ऐतिहासिक पहल की है, उसी का नतीजा है कि राजस्थान में पर्यटकों की संख्या बढ़ी है। इस प्रकार के फेस्टिवल्स, मेले तथा त्योहार राजस्थान की सांस्कृतिक विरासत, यहां की लोक कलाओं, समृद्ध वाइल्डलाइफ की शो-केसिंग का एक प्रभावी जरिया है। उन्होंने कहा कि रणथंभौर फेस्टिवल के शुरू होने से यहां के लोक-कलाकारों, वन्यजीव प्रेमियों, कला मर्मज्ञों आदि को एक प्लेटफार्म मिल सकेगा।
प्रदेश में विकसित किया जा रहा हैं टूरिस्ट फ्रेंडली इको सिस्टम
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि हमारा प्रयास है कि हम प्रदेश के किलों, महलों एवं अन्य ऐतिहासिक धरोहरों के साथ ही यहां की रंग-बिरंगी संस्कृति को दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचाएं। इस दिशा में प्रदेश में टूरिस्ट फ्रेंडली इको सिस्टम विकसित किया जा रहा है। इससे प्रदेश के हस्तशिल्प उत्पादों, पेंटिंग्स, वस्त्रों आदि को देश भर में एक बड़ा बाजार मिलेगा।