राजस्थान में एक साल तक के बच्चों की मौतों के आंकड़े में आई गिरावट से प्रदेश सरकार राहत महसूस कर रही हैं। राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के तहत इस आंकड़े में परिवर्तन संभव हुआ हैं। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने राज्य में जच्चा व बच्चा की सुरक्षा के लिए कई योजनाओं को लचा रही हैं जिससे सुरक्षित मातृत्व के आंकड़ो में बढोत्तरी हो।
रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया की रिपोर्ट अनुसार समय के पूर्व जन्म लेना एवं वजन कम होने से (29.8%), डायरिया से (8.6%), निमोनिया (17%), नॉन कम्यूनिकेबल डिजीज (8.3%), अज्ञात बुखार कारण (7%), जन्मजात विकृति (4.4%), संक्रमण (3.6%), बर्थ एस्फाइक्सिया (8.2%), इंजरी (4.6%), कुपोषण पीलिया जैसी बीमारियों से बच्चों की मौत हो रही है।
प्रदेश में जननी-शिशु सुरक्षा योजना, समय पर टीकाकरण, संस्थागत प्रसव, निशुल्क दवा जांच योजना के चलते पिछले एक दशक में बच्चों की मौत के ग्राफ में गिरावट दर्ज की है। वर्ष 2005-06 में नेशनल फेमिली हैल्थ सर्वे में जहां एक साल तक की उम्र के एक हजार में से 65 बच्चे मौत का शिकार हो रहे थे, वहीं 2015-16 में अब घटकर 41 हो गया है।
इसी तरह से 5 साल से कम उम्र तक के बच्चों का 85 से घटकर 51 हो गया है। यानि एक साल तक के बच्चों की मौत में 24 5 साल से कम उम्र के बच्चों में 34 अंक की गिरावट हुई है। यह खुलासा राजस्थान में 23 जनवरी से 21 जुलाई तक नेशनल फैमिली हैल्थ सर्वे (एनएफएचएस-4) की रिपोर्ट में हुआ है। रिपोर्ट में 15 से 49 साल की एनीमिक महिलाओं की संख्या 53.1% से घटकर अब 46.8% रह गई है। दस साल पहले पुरुषों में तंबाकू के सेवन की दर 60.4% से घटकर 46.9% रह गई वहीं महिलाओं में 1.5 फीसदी की गिरावट हुई है।
सबसे ज्यादा गिरावट राजस्थान में
5साल से कम उम्र के बच्चों की मौत के मामले में 8 राज्यों की तुलना में राजस्थान में सबसे ज्यादा 34 अंकों की गिरावट हुई है। जेके लोन अस्पताल अधीक्षक डॉ.अशोक गुप्ता का कहना है कि पिछले एक दशक से जागरुकता बढ़ने से बच्चों की मौत में गिरावट हो रही है।
राजस्थान सरकार की योजनाओं से हो पाया बच्चों की मौतों का आंकड़ा कम
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने राजस्थान में महिला एवं बाल विकास कार्यक्रमों के तहत घर घर में जनानियों के स्वास्थय की जांच करवाई। मुख्यमंत्री राजे ने आंगनबाडी केंद्रों के जरिए महिलाओं व बच्चों को को समय समय पर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की हैं। आंगबाडियों के द्वारा मुख्यमंत्री राजे ने प्रदेश के कम उम्र के बच्चों को बेहतर स्वास्थ सेवाएं व पोष्टिक खाना प्रदान किया हैं जिससे शिशु मृत्यु दरों में कमी आई हैं। जननी सुरक्षा योजना से महिलाओं को संबल दिया गया हैं।