राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को धार्मिक कार्यक्रमों में बड़ी रूचि है। उनका धार्मिक कार्यों के प्रति भाव अक्सर देखने को मिलता रहता है। हाल ही में वे भरतपुर जिले के कामां में रामकथा सुनने पहुंची। इससे पहले सीएम राजे अलवर जिले के बहरोड़ क्षेत्र में दहमी गांव स्थित मंशा माता मंदिर पहुंची थी। वहां उन्होंने मंशा माता के दर्शन कर पूजा-अर्चना की। मुख्यमंत्री ने यहां प्रदेश की उन्नति और खुशहाली की कामना भी की। राजे को अपनी कर्मभूमि राजस्थान में जहां भी जाने का मौका मिलता है, वे वहां के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल पर जाने का कोई मौका नहीं छोड़ती है। प्रदेश की मुखिया का धार्मिक स्थलों, कार्यक्रमों के प्रति इस तरह से लगाव दर्शाता है कि वे प्रदेश की 36 कोमों को भी एक साथ लेकर विकास की राह पर चलने वाली है।
कुछ दिनों पहले गौशाला पहुंचकर भी की थी पूजा-अर्चना
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे कुछ दिनों पहले जयपुर शहर के सांगानेर क्षेत्र स्थित हिंगोनिया गौशाला पहुंची थी, सीएम ने वहां गौवंश की पूजा की और अपने हाथों से गौशाला स्थित गायों को गुड़ एवं चारा खिलाकर लोगों को गौसेवा करने का संदेश दिया था। यहां राजे ने गायों की प्रदेश में वर्तमान दशा के बारे में भावुक होते हुए कहा था कि, पॉलीथिन और गौसेवा एक साथ नहीं चल सकती है। उन्होंने कहा था कि अगर आप गायों के लिए कुछ करना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको पॉलीथिन का इस्तेमाल करने से बचना होगा। यही आपकी गायों के प्रति सच्ची गौसेवा होगी।
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सीएम राजे कथा सुनने पहुंची कामां
सीएम वसुंधरा राजे रविवार को भरतपुर जिले के कामां उपखण्ड मुख्यालय पर कोट ऊपर स्टेडियम में आयोजित संत मोरारी बापू के रामकथा कार्यक्रम में उपस्थित रहीं। यहां मुख्यमंत्री राजे ने संत मोरारी बापू की रामकथा पोथी सिर पर रखकर आसन तक पहुंचाई। उन्होंने कथावाचक संत मोरारी बापू की चरण वंदना कर आर्शीवाद भी लिया। मुख्यमंत्री के लिए रामकथा पांडाल में बैठने के लिये खास व्यवस्था की गई थी, लेकिन वे साधारण पंक्ति में जाकर आम श्रद्धालुओं के साथ जमीन पर बैठीं। राजे ने वहीं बैठकर आम श्रद्धालुओं के साथ आध्यात्मिक रामकथा सुनी।
राजपीठ का ऐसे बैठकर कथा सुनना केवल भारतीय संस्कृति में ही संभव
रामकथा वाचक संत मोरारी बापू ने कथा शुरू करने से पहले मुख्यमंत्री को आर्शीवाद देते हुए कहा कि, शीर्ष पर बैठे लोगों का आमजनों के साथ बैठकर इस तरह से प्रवचन सुनना केवल हमारी संस्कृति में ही संभव है। मोरारी बापू ने ने कहा कि राजपीठ का व्यासपीठ के सामने बैठकर रामकथा सुनने से ही कल्याण हो जाता है। इस मौके पर कथावाचक संत मोरारी बापू ने कामां के मंदिरों के जीर्णोद्धार के लिए 5 लाख रूपये का तुलसी दानपत्र देने की घोषणा भी की।
ये भी रहे उपस्थित
सीएम के कामां में रामकथा सुनने के दौरान पर्यटन राज्यमंत्री कृष्णेन्द्र कौर दीपा, सांसद बहादुर सिंह कोली, विधायक जगत सिंह, अनीता सिंह, विजय बंसल, बच्चूसिंह बंशीवाल, संभागीय आयुक्त सुबीर कुमार, जिला कलक्टर डॉ. नरेन्द्र कुमार गुप्ता, पुलिस अधीक्षक अनिल टांक सहित कई जनप्रतिनिधि, पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।