यूपी चुनाव के 5वें चरण के मतदान समाप्ति के साथ भाजपा की जीत पक्की, पार्टी राष्ट्रीय महासचिव भूपेन्द्र यादव ने किया जीत का दावा

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मोदी लहर की वजह से एक बार फिर विपक्ष का हो सकता है सूपड़ा साफ़

पिछले कुछ दिनों में उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव के 7-चरण मतदान काफी सुर्ख़ियों में थे। कल  27 फरवरी को यूपी चुनाव के 5वें दौर का मतदान सम्पन्न हो गया। प्रदेश की गहमा-गहमी के बीच ये बता पाना बेहद मुश्किल था कि कौन सी पार्टी अपनी सरकार बनाती है परंतु चुनावी दिग्गजों की मानें तो यूपी में अब तक हुए मतदानों में भाजपा का ही दम-खम चारों ओर दिख रहा है। हाल ही में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और अजमेर से चुने गए राज्यसभा सांसद भूपेन्द्र यादव ने इस तथ्य कि पुष्टि की।

नोटबंदी के बाद भी आखिर क्यों है भाजपा का पलड़ा भारी?

यूपी के दंगल में चार प्रमुख दलों– समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी), कांग्रेस और भाजपा के बीच तगड़ी लड़ाई चल रही है। सपा के गृह युद्ध के चलते मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ गठबंधन करना पड़ा। चूंकि कांग्रेस के राज्य से जनता पहले ही त्रस्त हो चुकी है इसलिए यह गठबंधन सपा को भारी पड़ सकता है। वहीँ दूसरी ओर नोटबंदी के चलते अबकी बार बहन जी की रैलियों में पैसा पानी की तरह नहीं बहाया जा सका, इस कारणवश बसपा की रैलियों में पहले जैसी चकाचौंध नहीं रही।

पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की अगुवाई में भाजपा ने 2014 के लोकसभा चुनाव में 403 सीटों में से 253 पर 40% से ज्यादा अंतर से जीत दर्ज की थी। इससे यह बात तो पक्की हो गयी कि विपक्ष के एकजुट होने के बावजूद भाजपा में इतना दम है कि वह अकेले ही चुनाव में लड़ कर अपनी जीत कायम कर सके।

चुनावी हकीकत यह है कि जब विधानसभा और लोकसभा के चुनाव आगे पीछे होते हैं तो 77% मतदाता एक ही पार्टी को चुनते हैं। वो राज्य और केंद्र के बीच फर्क नहीं करते क्योंकि केंद्र सरकार के प्रदर्शन के आधार पर ही उनकी पार्टी के भाग्य का फैसला होता है। हालांकि नोटबंदी के चलते आम जनों को दिक्कत ज़रूर हुई परंतु प्रधानमंत्री द्वारा इस बीच कई ऐसी योजनाएं भी चलायी गई जिनसे लोगों को राहत मिली। इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी कुछ न कुछ कर के सुर्ख़ियों में निरंतर बने रहते हैं। इस वजह से जनता के बीच उनकी लोकप्रियता कायम है।

भाजपा ने दिया यूपी को सुरक्षा एवं विकास का आश्वासन:

हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यूपी के किसानों के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं जिनमें कर्ज माफ करने तथा गन्ना किसानों को बकाया भुगतान करने आदि की घोषणाओं का उत्तर प्रदेश के मतदाताओं पर भारी असर हुआ है।  भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने अपने एक भाषण में यूपी में भाजपा की सरकार बनने पर कत्लखाने बन्द करवाने का वादा किया है। उस पर सपा और बसपा के कुशासन, अखिलेश एवं राहुल के बीच सवालिया गठबंधन तथा शीर्ष नेताओं द्वारा चुनाव प्रचार में सक्रिय भूमिका न निभाने के कारण बाकि पार्टियों के वोट बैंक पर प्रतिकूल असर पद सकता है। क्योंकि कोई भी दिग्गज नेता सपा-कांग्रेस गठबंधन का ठीकरा अपने सर नहीं लेना चाहता, इससे भाजपा को इस लड़ाई का फायदा प्राप्त हो सकता है।

भोलेबाबा की काशी ने निभाई अहम भूमिका:

प्रधानमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी (बनारस) में भाजपा कार्यकर्ताओं ने तेज़ी से कार्य किया है। विकास कार्यों के साथ ही साथ चुनाव प्रचार तगड़ा हुआ है। सभी कार्यकर्ताओं ने मतदाताओं से अपील कर के उन्हें वोट डालने का अनुरोध किया है ताकि पार्टी 2014 की जीत फिर से एक बार दोहरा सके।

इन सब कारणों के चलते भाजपा के जीत के भारी आसार दिख रहे हैं। मोदी लहर की वजह से एक बार फिर विपक्ष का सूपड़ा साफ़ हो सकता है।

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