गुर्जर समाज को आरक्षण दिलाना मुख्यमंत्री राजे की प्राथमिकता, हक दिलाने के लिए लड़ती रहेगी लड़ाई

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राजस्थान सरकार गुर्जर समाज को उनका हक दिलाने के लिए हरसंभव कोशिश कर रही है। गुर्जर समाज को दिए जाने वाले आरक्षण को मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अपनी प्राथमिकता में शामिल किया है। मुख्यमंत्री राजे का कहना है कि वो गुर्जर समाज को उनका हक दिलाकर रहेगी। गुर्जर समाज को दिए जाने वाले पांच फीसदी आरक्षण के मसौदे को कोर्ट ने तीन बार खत्म कर दिया है लेकिन समाज की भलाई के लिए एक बार फिर राज्य सरकार गुर्जर आरक्षण पर चौथा विधेयक लाने जा रही है। इसके ड्राफ्ट का प्रारूप मंत्रिमंडलीय उप समिति के तीन मंत्री 16 जून को गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के साथ प्रस्तावित बैठक में रखेंगे। राजस्थान सरकार के पंचायती राज मंत्री राजेंद्र राठौड ने कहा कि गुर्जरों को आरक्षण देने के लिए हमारी सरकार सबसे ज्यादा गंभीर है। हम इस बार ऐसा प्रावधान लाएंगे कि आरक्षण कानूनी जटिलताओं में न फंसे।

 

50 फीसदी के बाहर आरक्षण देना संभव नही

राज्य सरकार के मंत्री भी गुर्जर नेताओं को इस बात पर मनाने में लगे हैं कि इस बार भी 50 प्रतिशत के बाहर ही आरक्षण देना संभव है और इस बार कोई कमी नहीं रहेगी। गुर्जर नेताओं ने दावा किया है कि पुरानी भर्तियों में एसबीसी की जातियों को ओबीसी का फायदा दिलाने पर सहमति बनी है। ओबीसी की वरीयता का फायदा अभ्यर्थियों को दिलाया जाएगा।

1252 भर्तियों में दिया जा रहा है एसबीसी का लाभ

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर दी जा रही 1252 पदों में से 118 भर्तियां ऐसी हैं, जिसमें एसबीसी 1 प्रतिशत और शेष ओबीसी लागू था। ऐसे में इन पदों पर वरीयता के आधार पर नियुक्ति देने पर सरकार राजी हुई है। इनमें आरएएस कंबाइंड एग्जाम 2013 के 6 पद, जूनियर अकाउंटेंट व रेवेन्यू अकाउंटेंट 2013 के 34 पद, क्लर्क के 69 , एनटीटी एग्जाम 2013 वुमन चाइल्ड डवलपमेंट प्रोग्राम के 9 पदों की भर्ती वरीयता में एक प्रतिशत एसबीसी और ओबीसी लागू था। इन्हें इसी वरीयता पर माना जाए। इसके अलावा गुर्जर अभ्यर्थियों को ओबीसी की वरीयता में शामिल करके फायदा दिलाया जाए।

एसबीसी को स्पेशल ग्रुप स्कीम के नाम से फायदा देगी सरकार

संघर्ष समिति के महामंत्री व लीगल एडवाइजर एडवोकेट शैलेंद्र सिंह ने बताया कि वार्ता के दौरान राज्य सरकार के मंत्रियों ने स्पष्ट किया है कि देवनारायण योजना, गुरुकुल योजना आदि कल्याणकारी योजनाएं एसबीसी की जातियों के लिए खत्म नहीं होंगी। कानूनी पेंच से बचाने के लिए इसमें विशेष पिछड़ा वर्ग की जगह स्पेशल ग्रुप स्कीम का नाम दिया जाएगा। इसका प्रारूप भी 16 जून को होने वाली बैठक में समाज कल्याण विभाग प्रस्तुत करेगा।

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