भरतपुर में साधु के आत्मदाह पर गरमाई सियासत: वसुंधरा-पूनिया बोले-गहलोत सरकार जिम्मेदार

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    जयपुर। प्रदेश के भरतपुर जिले में भगवान कृष्ण की क्रीड़ा स्थली और गोवर्धन परिक्रमा पथ में खनन को रोकने की मांग को लेकर खुद को आग के हवाले करने वाले साधु विजय दास की हालत बिगड़ गई है। उनको भरतपुर से जयपुर रेफर कर दिया है। इस घटना से अब सियासत गरमा गई है। बीजेपी ने प्रदेश की गहलोत सरकार को इस मुद्दे पर जमकर घेरा है। पूर्व CM वसुंधरा राजे ने घटना के लिए पूरी तरह प्रदेश की गहलोत सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने भी अशोक गहलोत पर हमला बोला है।

    पूरी तरह गहलोत सरकार जिम्मेदार : वसुंधरा राजे
    प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा उदयपुर के बाद ब्रज के कामां क्षेत्र में भी गहलोत सरकार की घोर लापरवाही सामने आई है। यहां अवैध खनन को बंद कराने की साधु-संतों की मांग पर राज्य सरकार ने ध्यान नहीं दिया। एक संत के आत्मदाह की कोशिश इसी का परिणाम है। ये कैसी विडम्बना है कि रोक के बाद भी वहां अवैध खनन हो रहा है और साधु-संतों को आवाज उठानी पड़ रही है। प्रदेश सरकार ने अगर इस सब्जेक्ट को गम्भीरता से लिया होता, तो आज ये हालात नहीं होते। इसके लिए पूरी तरह से प्रदेश की गहलोत सरकार जिम्मेदार है।

    अवैध खनन को लेकर जनता में बड़ा आक्रोश : सतीश पूनिया
    सतीश पूनिया ने कहा कि ब्रज के कामां क्षेत्र में पिछले 551 दिन से अवैध खनन को लेकर साधु समाज का आंदोलन चल रहा है। आंदोलन और सरकार के हस्तक्षेप के बावजूद भी अवैध खनन नहीं रुका। समाधान नहीं निकलने का परिणाम साधु के आत्मदाह के रूप में आया है। यह राजस्थान सरकार की हठधर्मिता का यह बड़ा उदाहरण है कि 27 जनवरी 2005 से अवैध खनन पर रोक के बावजूद खनन होता रहा,जिससे एक बड़ा आक्रोश था। ये घटना राजस्थान सरकार की कानून व्यवस्था की पोल खोलती है।

    क्या है पूरी घटना
    भरतपुर के डीग थाना इलाके के पसोपा गांव में साधु-संतों के आंदोलन के बीच एक साधु विजय बाबा ने आत्मदाह कर खुदको जला लिया। वह पिछले 551 दिन से आंदोलन कर रहे थे। बदन में आग लगाकर राधे-राधे कहते बाबा को दौड़ते देखकर मौके पर अफरातफरी मच गई। पुलिसकर्मियों ने ही कम्बल डालकर उनकी आग बुझाई और अस्पताल ले गए। गंभीर हालत में उनका पहले भरतपुर के आरबीएम और उसके बाद जयपुर के एसएमएस हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है। गांव में भारी पुलिस बल तैनात है। इसके अलावा 33 घंटे गुजरने के बाद एक दूसरे साधु बाबा नारायणदास मोबाइल टॉवर से नीचे उतरे। विजय बाबा के आत्मदाह की कोशिश के बाद साधु-संतों में पुलिस प्रशासन के खिलाफ काफी गुस्सा नजर आ रहा है।