फिर लुभाएगी जयपुर के डॉल म्यूज़ियम की खूबसूरती, साज-संवारकर म्यूज़ियम को दिया गया पुनर्योवन

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    पिछले चार दशक से अपने मनमोहक, आकर्षक और नायाब डॉल (गुड़िया) कलेक्शन के लिए जाने जाने वाले राजस्थान की राजधानी जयपुर स्थित डॉल म्यूजियम में अब सजावट के साथ नवनिर्माण किया जा रहा है। इस म्यूज़ियम में 700 तरह की अलग-अलग डिज़ाइन से बनी गुड़ियों को प्रदर्शित किया जाएगा। इसके पुनरुद्धार का काम बड़ी गति और गुणवत्ता से होकर अब इस माह तक पूरा होने वाला है। इसी महीनें में म्यूज़ियम का इनॉग्रेशन किया जाने का प्रस्ताव है। इस म्यूज़ियम को फिर से पर्यटकों के लिए खोलने से पहले यहाँ की 300 के करीब ज़र्ज़र हो चुकी पुरानी डॉल्स को उसी अंदाज में तैयार करके फिर से संवारा जा रहा है। अब इसी महीने के आख़िर तक राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे व केंद्रीय रेलमंत्री सुरेश प्रभु की सहमति से इस म्यूज़ियम का इनोग्रेशन किया जायेगा।

    1974 में हुई थी स्थापना:

    जयपुर स्थित इस डॉल म्यूज़ियम को स्थापित हुए 4 दशक से भी ज़्यादा समय हो चुका है। साल 1974 में भगवानी बाई सेकसरिया परिवार ने म्यूज़ियम की स्थापना की थी। हाल ही में इस म्यूज़ियम में आधुनिक और उन्नत सुधार कर इसे पुनर्योवन प्रदान किया गया है। अब इस म्यूज़ियम को दो विभागों में विभाजित किया गया है। एक विभाग में पुरानी डॉल्स का नवीनीकरण कर उन्हें सजाया गया है, वहीँ दूसरे भाग में नयी डॉल्स का कलेक्शन तैयार किया गया है। इस दुसरे भाग में 10 लाख रूपए कीमत वाली जापानी गुड़ियों का एक सुन्दर और आकर्षक सेट भी है। यह डॉल सेट जापान के रोटरी क्लब ने अनुदान में दिया है। अपना दशकों पुराना इतिहास रखने वाले म्यूज़ियम में 1970 की मॉडर्न अरब लेडी सहित स्विट्ज़रलैंड, ईरान, अफ़्गिस्तान, इजिप्ट, युगांडा, जॉर्डन, घाना, इंडोनेशिया, सीरिया, न्यूज़ीलैंड, मलेशिया, कोलम्बिया समेत दुनियाभर के 40 देशों की डॉल्स है।

    टिकट दर तय हो चुकी है:

    इस डॉल म्यूज़ियम को अब सुधार और सज-धज के साथ नए सिरे से खोला जा रहा है, तो इसमें आने वाले पर्यटकों के लिए टिकट्स की दरें भी तय कर दी गयी है। इसके लिए भारतीय बच्चों के लिए 5 रूपए, वयस्क के लिए 10 रूपए और विदेशी पर्यटकों के लिए 50 रूपए का टिकट लिया जायेगा। टिकट की इन दरों को सभी की सुविधा को ध्यान में रखकर निर्धारित किया गया है।

    ख़ास तरह की गुड़ियों से सुसज्जित है म्यूज़ियम:

    जयपुर के इस डॉल म्यूज़ियम में तरह-तरह की आकर्षक डॉल्स है। यहाँ 2 इंच तक की डॉल है। इसके अलावा व्हेल की दांतों से बनी जापानी डॉल, व अन्य जापानी डॉल्स का कलेक्शन है। रंग-बिरंगी पोशाकों से सजी हुई अलग-अलग आकार की 600 डॉल्स म्यूज़ियम के दोनों हिस्सों में प्रदर्शित की गयी है। छोटे बच्चों के लिए कार्टून कैरेक्टर पर आधारित बैटमैन, स्पाइडरमैन, हल्क, हाल सोलो जैसे डॉल्स की प्रदर्शनी सजाई गयी है। विभिन्न देशों की डॉल्स को उन देशों की संस्कृति और परंपरा के अनुसार निर्धारित वेशभूषा, साज़ो-सामान के आधार पर तैयार किया गया है।

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