राजस्थान में नित-नए विकास के आयाम स्थापित कर रही मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को अब देशभर में अपनी रचनात्मक विकास शैली के कारण भी जाना जा रहा है। राजस्थान के विकासकार्यों में तकनीकी आधुनिकता के साथ-साथ परंपरा का संगम देखकर लगता है कि प्रदेश में नवाचार को बढ़ावा देने की रीत मुख्यमंत्री राजे के व्यक्तिगत स्वभाव की देन है।
मंगलवार को अपने राजस्थान दौरे पर आये केंद्रीय रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने भी राजस्थान की मुख्यमंत्री की रचनात्मकता की सराहना करते हुए कहा कि आज देशभर में चल रहा रेलवे स्टेशनों के आकर्षक सौंदर्यीकरण का कार्य मुख्यमंत्री राजे के विचारों से प्रेरित है। रेलमंत्री प्रभु ने कहा कि देश में राजस्थान के रेलवे स्टेशनों पर पहली बार वसुंधरा राजे ने सौंदर्यीकरण का काम शुरू करवाया था।
राजस्थान के सवाईमाधौपुर रेलवे स्टेशन पर हुआ था सबसे पहले सौंदर्यीकरण:
भारत सरकार के रेल मंत्रालय द्वारा आज देशभर में चलाये जा रहे रेलवे स्टेशनों के सौंदर्यीकरण का कार्य राजस्थान के सवाईमाधौपुर रेलवे स्टेशन से के लुभावने दृश्य से प्रेरित है। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के विचार से सर्वप्रथम यह कार्य राजस्थान के सवाई माधौपुर रेलवे स्टेशन पर किया गया था। सवाईमाधोपुर के घने जंगलों और बाघों के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध रणथम्भौर अभ्यारण्य की विशेषता बताते हुए इस स्टेशन की दीवारों पर मनमोहक चित्रकारी की गई है। आज भी यह चित्रकारी यहाँ के प्राकृतिक जनजीवन का असल अहसास कराती है।
नवाचार और रचनात्मक शैली को बढ़ावा दिया:
राजस्थान के आदिवासी ज़िलों बांसवाड़ा और डूंगरपुर में मुख्यमंत्री राजे ने महिलाओं को आगे बढ़ाकर नवाचार की ओर प्रेरित किया है। आधुनिकता के क्षेत्र में राजस्थान के इन पिछड़े इलाकों को आज परंपरागत संस्कृति और रचनात्मक ढंग से आगे बढ़ाया गया है। सौर तकनीकी के क्षेत्र में राजस्थान के इन ज़िलों को राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार मिल चुका है। राज्य में कम्प्यूटर तकनीकी और डिजिटलाइज़ेशन को बढावा देने के लिये हेकथॉन का आयोजन करवाया है। देश में लाज़वाब कलाकारी से सौंदर्यीकरण के अनेक कार्यों की पहल मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने राजस्थान से की है। इन्हीं प्रयासों से केंद्र सरकार के साथ-साथ राजस्थान मुख्यमंत्री राजे के नेतृत्व में तेजी से आगे बढ़ रहा है व आज देश का अग्रणी राज्य बनने जा रहा है।