पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सरकार के तीन साल पूरे होने पर करीब 24 सवाल ट्वीटर के माध्यम से पूछे हैं। गहलोत मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के सुराज को कहीं न कहीं पचा पाने में असमर्थ दिखाई दे रहे हैं। राजस्थान में पिछली गहलोत सरकार ने किस तरह से विकास की गंगा बही थी उससे प्रदेशवासी वाकिफ हैं। अशोक गहलोत जी का कहना हैं कि वसुंधरा सरकार ने राजस्थान की जनता आक्रोशित हैं लेकिन क्या गहलोत जी आपकी सरकार से जनता आक्रोशित नही थी, क्या आपका शासन राम राज्य था? अगर आपकी कांग्रेस सरकार से प्रदेश की जनता खुश होती तो आपको आज विपक्ष में नही बैठना पड़ता। आज राजस्थान देश की मुख्यधारा में शामिल हैं ओर हर क्षेत्र में राजस्थान आत्मनिर्भरता के साथ आगे बढ रहा है। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को प्रदेश के हर वर्ग का भरपूर साथ मिल रहा हैं और राजस्थान की मुखिया सभी को साथ लेकर प्रदेश को कांग्रेस के अंधेरे से निकाल कर सवेरें की ओर लेकर आई हैं।
गहलोत के भ्रष्टाचारों से त्रस्त थी राजस्थान की जनता, रिफाइनरी के नाम पर किए घोटाले
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के नेतृत्व में प्रदेश का चंहुमुखी विकास किया हैं। गहलोत सरकार ने भ्रष्टाचार और आपराधिक गतिविधियों में राजस्थान में बढ़ोत्तरी हुई हैं। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के प्रयासों से राजस्थान देश की मुख्य़धारा में प्रगति की और बढ रहा हैं। राजस्थान में गहलोत सरकार ने रिफाइनरी लेकर आई थी जिससे पूरे प्रदेश के निलाम होने की स्थिती पैदा हो गई और गहलोत सरकार ने रिफाइनरी के नाम में अकूत संपति बना ली। लेकिन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की दूसगामी सोच का परिणाम है कि राजस्थान में रिफाइनरी के स्थान पर बुनियादी सुविधाओं का विस्तार हों।
15 लाख युवाओं को रोजगार का किया वादा, 11 लाख को मिला रोजगार
पूर्वमुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना हैं कि राज्स्थान में युवाओं को रोजगार नही मिला, लेकिन गहलोत जी अभी वास्तविक्ता से परिचय नही कर पाये हैं। राजस्थान में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने 15 लाख युवाओं को रोजगार देने का वादा किया था जो कि करीब 80 फीसदी पूरा हो चुका हैं। अभी तक राज्य सरकार ने 11 लाख युवाओं को रोजगार उपलब्ध करवा दिये हैं जिनमे से 1 लाख से ज्यादा युवा सरकारी क्षेत्र में कार्यरत हैं।
10 हजार करोड़ के घाटे से दबा राज्य वित्त आयोग
राज्य कर्मचारियों को राजे सरकार भी 7वें वेतन आयोग के लाभ देना चाहती हैं लेकिन पूर्ववर्ती गहलोत सरकार ने राजस्थान को कर्ज ने बोझ तले इतना दबाया है कि आज तक प्रदेश सांस नही ले पा रहा हैं। राज्य के वित्त आय़ोग पर आज भी 10 हजार करोड़ रुपयों का कर्ज हैं ये पैसा कांग्रेस सरकार की लापरवाही से अपात्र लोगों को पेंशन व भत्तों के रुप में दिया जा चुका हैं। राजे सरकार का दावा है कि आने वाले दिनों में 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों पर राज्य कर्मचारियों को लाभ मिलेगा।
22 से 24 घंटे मिलती है शहरी ओर ग्रामीण क्षेत्र में बिजली
गहलोत जी ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने निराधार आरोप लगाते हुए कहा कि किसानों को बिजली पर्याप्त मात्रा में नही मिलती लेकिन सच्चाई यह है कि जहां पहले प्रदेश के किसानों से 6 घंटे बिजली मिलती थी वहीं आज प्रदेश के किसानों को 8 से 10 घंटे कृषि विद्युत दी जा रही हैं। आज राजस्थान के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में 22 से 24 घंटे विद्युत आपूर्ती की जा रही हैं।
गहलोत सरकार की नीतियों से नुकसान का पिटारा बनी जयपुर मेट्रो
पूर्ववर्ती गहलोत सरकार ने राजधानी जयपुर में मेट्रो लेकर आये। जयपुर वर्ल्ड सिटी के तौर पर पहचाना जाता हैं ऐसे में भाजपा ने भी जयपुर में मेट्रो का स्वागत किय़ा। लेकिन गहलोत सरकार की नीतियों ने जयपुर मेट्रों को घाटे का सौदा बना दिया औऱ इसका काम आज भी पूरा नही हुआ।
काग्रेस सरकार राजे सरकार पर खोखले दावों ओर अपने मन की भड़ास निकालने के लिए आरोप लगा रही हैं। यह सही है कि कांग्रेस सत्ता की लोभी हैं ओर जब तक सत्ता में थी तब तक कांग्रेस ने राजस्थान की जनता को लूट खंसोट कर करोड़ों के कर्ज के नीचे ला दिया। आज मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने राजस्थान में विकास के जरिए नई पहचान दी हैं। देश में ही नही अब विदेश भी राजस्थान सरकार की योजनाओं को फॉलो कर रहे हैं।