भरतपुर का अंकुश सिंह बाएं हाथ का पेसर है और 143 किमी की स्पीड से बॉलिंग डालने में सक्षम है। अगर देखा जाए तो मौजूदा भारतीय Cricket टीम में भी इस तेज रफ्तार से बॉल कोई नहीं डाल सकता। अंकुश एक दिव्यांग है और उनके दाया हाथ नहीं है। तेज रफ्तार से बॉलिंग करने के साथ वह अच्छी बेटिंग भी कर लेता है। अब अंकुश का चयन भारतीय दिव्यांग विश्वकप टीम में हुआ है। दिव्यांगों का क्रिकेट विश्वकप वर्ष 2016 में लंदन में होने जा रहा है। इसके लिए जनवरी में मुंबई और बड़ौदा में ट्रेनिंग शुरू होगी और अंकुश इसमें भाग लेगा।
Read More: 7वीं बार विधायक बनने के लिए मैदान में, प्रचार पर एक रुपया भी खर्च नहीं करता है यह प्रत्याशी
अंकुश की उम्र 24 वर्ष है। वह फिलहाल भारतीय दिव्यांग क्रिकेट टीम के उपकप्तान है और हाल ही में 14 नवंबर को मुंबई में सेलिब्रेटी क्रिकेट लीग खेलकर भरतपुर लौटा है। 14 साल पहले एक दुर्घटना में अपना दाया हाथ खो चुका अंकुश बाएं हाथ से 135 से 143 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी कर सकता है। भरतपुर के छोटे से गांव कुम्हेर के ग्रामीण परिवेश में पले—बढ़े नगला करन सिंह निवासी अंकुश का चयन पहली बार में ही 2012 में राजस्थान की दिव्यांग टीम में हो गया था। वर्ष 2013 में वह मुंबई टीम का कप्तान बना।