जयपुर। आज सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की हड़ताल है, जिसकी वजह से कामकाज बुरी तरह प्रभावित होगा। अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ और भारतीय बैंक कर्मचारी महासंघ ने 10 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के विलय के विरोध में हड़ताल का आह्वान किया है। पिछले दिनों केन्द्र सरकार ने 10 बैंकों के विलय का ऐलान किया था। इस हड़ताल की वजह से अधिकतर सरकारी बैंकों के कामकाज प्रभावित होने की आशंका है। जयपुर में हड़ताल से पहले सोमवार को एमआईरोड स्थित बीओबी के सामने बैक कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया।
इन संगठनों ने बुलाई हड़ताल
ऑल इंडिया बैंक इंप्लाई यूनियन (एआईबीईए) और बैंक इंप्लाई फेडरेशन ऑफ इंडिया ने हड़ताल बुलाई है। बैंकों के प्रस्तावित विलय और जमा पर गिरती ब्याज दरों का विरोध करने के लिए यह हड़ताल होगी। हालांकि भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने बयान जारी करते हुए कहा है कि उनके यहां पर इस हड़ताल का असर देखने को नहीं मिलेगा। बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और सिंडिकेट बैंक जैसे तमाम सरकारी बैंकों में इस हड़ताल का असर देखने को मिलेगा, क्योंकि इन बैंकों में ये दो यूनियन से जुड़े कर्मचारियों की संख्या ज्यादा है।
व्यापारियों को होगा ज्यादा नुकसान
बैंकों के लगातार बंद रहने से इसका असर व्यापारियों पर विशेषकर पड़ेगा। जिन्हें रोजाना बैंक में लेने-देन के काम होते हैं वे बुरी तरह प्रभावित होंगे। साथ ही एटीएम में कैश की कमी पड़ जाएगी। त्योहार के मौसम में बैंकों के लगातार बंद रहने से हर क्षेत्र के व्यापारियों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है।
दिवाली पर चार दिन बैंक बंद
हड़ताल के बाद दिवाली पर चार दिन बैंक बंद रहेंगे। शनिवार 26 अक्टूबर को महीने का चौथा शनिवार है। रविवार को बैंक वैसे ही बंद रहते हैं। इसके बाद सोमवार 28 अक्टूबर को गोर्वधन पूजा के दिन और मंगलवार 29 अक्टूबर को भाई दौज के दौरान भी कई राज्यों में बैंक बंद रह सकते हैं। बैंकों की विलय प्रक्रिया के खिलाफ ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कन्फेडरेशन ने कहा था कि हम सरकार के विलय के कदमों का विरोध करते हैं।