राजस्थान के 180 धार्मिक स्थलों को पर्यटन के रूप में किया जाएगा विकसित, जल संरक्षण के लिए बांधों का होगा जीर्णाद्घार

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राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा है कि प्रदेश के 180 प्राचीन मंदिरों का जीर्णोद्धार करवा कर इन्हें धार्मिक पर्यटन के महत्वपूर्ण स्थानों के रूप में विकसित किया जाएगा। ये मंदिर हमारी आस्था का केन्द्र होने के साथ-साथ हमें अपना इतिहास याद दिलाने और उससे जोड़े रखने का काम भी करेंगे। पाली जिले का सुगाली माता मंदिर भी जल्दी ही तैयार हो जाएगा। सीएम राजे पाली जिले के माण्डा गांव में सोमवार को अलखजी महाराज मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा और नौ कुण्डीय यज्ञ महोत्सव में सम्बोधित कर रही थीं।

वन संपदा और पर्यावरण संरक्षण के लिए राज्य सरकार कर रही है काम

उन्होंने कहा कि जिस प्रकार 415 वर्ष पुराने मंदिर का पुनर्निर्माण यहां की 36 कौमों ने मिलकर करवाया है, वह गर्व की बात है। प्रदेश की वन सम्पदा को बचाने और पर्यावरण के संरक्षण के लिए भी राज्य सरकार विशेष प्रयास कर रही है। प्राणवायु देकर हमें जिंदा रखने वाले वृक्ष हमारे लिए देवी-देवता समान हैं। मंदिरों के आस-पास, तालाब और सड़कों के किनारे पौधे लगाने से बड़ा कोई दूसरा पुण्य नहीं हो सकता।

मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान के तहत जल संरचनाओं का हो रहा है काम

मुख्यमंत्री ने कहा कि अलखजी महाराज मंदिर का ओरण पर्यावरण शुद्धता का अनुपम उदाहरण है। यहां स्थित कुण्ड के आस-पास वन क्षेत्र के विकास का पुण्य काम कर स्थानीय लोगों ने वातावरण बदलने का काम किया है। मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के अंतर्गत प्रदेशभर में जल संरचनाओं के विकास के ऐसे कई बड़े काम हाथ में लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि इस अभियान के तहत अभी तक करीब एक लाख जल संरचनाएं बनाई जा चुकी हैं और डेढ़ लाख जल संरचनाएं और बनाई जाएंगी।

पाली के बांधों का होगा जीर्णोद्धार

सीएम राजे ने कहा कि सिंचाई व्यवस्था विकसित करने के लिए पाली जिले के धारिया बांध और जोगड़ावास बांध के जीर्णोद्धार सहित राज्य के अन्य बांधों का जीर्णोद्धार किया गया है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर मांडा गांव के भामाशाह सीआर माली से जल स्वावलम्बन अभियान के लिए प्राप्त 2 लाख 50 हजार रुपए का चैक जिला कलेक्टर को सौंपा।

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