दूसरी लिस्ट में दिखा वसुंधरा का दबदबा : राजे गुट के 15 समर्थकों को मिला टिकट, एक भी सांसद नहीं

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    जयपुर। भाजपा की पहली सूची के बाद राजस्थान में हुए विरोध को देखते हुए पार्टी बैक फुट पर नजर आ रही है। दूसरी सूची में सांसदों के नाम गायब हैं तो दूसरी सूची में वसुंधरा और उनके समर्थकों को भरपूर जगह मिली है। बीजेपी ने 10 महिलाओं को भी मौका दिया है। साथ ही भाजपा का दामन थामने वाली ज्योति मिर्धा को भी पार्टी ने चुनाव मैदान में उतारा है। राजस्थान बीजेपी के दूसरे लिस्ट की खास बात ये है कि इन 83 लोगों की सूची में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, पूर्व अध्यक्ष सतीश पूनिया, नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ जैसे कद्दावर नाम शामिल किया गया है। दरअसल पहली लिस्ट में कई बड़े नेताओं का नाम शामिल नहीं किया गया था। इन नेताओं में विद्यानगर सीट से राजवी शामिल है, राजवी का टिकट कट जाने पर उनके समर्थकों ने जमकर विरोध किया था। राजवी वसुंधरा के न सिर्फ काफी करीबी नेता हैं। बल्कि वह पूर्व उपराष्ट्रपति भैरो सिंह शेखावत के दामाद भी हैं।

    इस लिस्ट में सबसे ज्यादा किसकी चली
    पहले लिस्ट की तुलना में दूसरी लिस्ट में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का सबसे ज्यादा प्रभाव दिख रहा है। वसुंधरा राजे के लोगों को पार्टी ने टिकट दिया गया है। इस सूची में वसुंधरा के करीबी कालीचरण सराफ, प्रताप सिंघवी, नरपत राजवी, वासुदेव देवनानी, कैलाश वर्मा, सिद्धी कुमारी, मंजू बाघमार, संतोष अहलावत, सामाराम गरासिया, गोविंद प्रसाद, कालूराम मेघवाल, नरेंद्र नागर, बिहारीलाल बिश्नोई, कैलाश मीणा और अनिता भदेल को टिकट दिया गया है।

    वसुंधरा गुट के इन नेताओं को मिला टिकट
    भाजपा ने पहली सूची में 7 सांसदों को टिकट देकर सबको चौंका दिया था, लेकिन राजस्थान में मध्य प्रदेश का फार्मूला नहीं चल पाया। इसलिए दूसरी सूची में भाजपा ने सांसदों को दूर रखा है। इसमें वसुंधरा के 27 करीबी लोगों को टिकट दिए गए। इसमें कालीचरण सराफ, प्रताप सिंघवी, कैलाश वर्मा, सिद्धी कुमारी, मंजू बाघमार, संतोष अहलावत, सामाराम गरासिया, गोविंद प्रसाद, कालूराम मेघवाल, नरेंद्र नागर, बिहारीलाल बिश्नोई, कैलाश मीणा, अनिता भदेल, श्रीचंद कृपलानी, पुष्पेन्द्र सिंह, नरपत राजवी, ओटाराम देवासी, संतोष बावरी, गोपीचंद मीणा, छगन सिंह, शोभा चौहान, अभिषेक मटोरिया, जगसीराम कोली, रामस्वरूप लांबा, मानसिंह किनसरिया, गुरदीप शाहपीणी शामिल हैं। पहली सूची में नाम नहीं आने पर नाराज चल रहे पूर्व उपराष्ट्रपति भैरो सिंह शेखावत के दामाद को भी चित्तौड़गढ़ से चुनाव मैदान में उतारा है। ऐसे में साफ है किनपार्टी वसुंधरा राजे की अहमियत को समझ चुकी है।