जयपुर। देशभर में पेड़ों को अंधाधुंध काटा जा रहा है। बीते कुछ सालों में कई घने जंगल खत्म हो गए है। जंगल नहीं करने के कारण जंगली जीव जन्तु विलुप्त हो रहे है। इतना ही नहीं इसका असर प्रकृति पर भी पड़ रहा है। बीते कुछ सालों में समय पर परियाप्त बारिश नहीं हो रही है और ज्यादा गर्मी पड़ने लगी है। राजस्थान में खेजड़ी को बचाया जा रहा है। हाल ही में पर्यावरण संरक्षण का एक ऐसा अनूठा मामला सामने आया है। बाड़मेर के श्री मातारानी भटियाणीजी चेरिटेबल ट्रस्ट की ओर से खेजड़ी के एक पेड़ को बचाने के लिये 15 लाख रुपये अतिरिक्त खर्चा आयेगा।
एक खेजड़ी को बचाने के लिए 15 लाख खर्च
प्रदेश के पश्चिमी जिले बाड़मेर शहर के जूना केराड़ मार्ग पर इन दिनों श्री मातारानी भटियाणीजी चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से भव्य श्री माजीसा धाम का निर्माण करवाया जा रहा है। इसमें 60 बाई 80 फीट के भूखंड के बीच में राज्य वृक्ष खेजड़ी का एक पेड़ आ रहा है। संस्थान उसे वहां से हटाने की बजाय येन-केन बचाने का सराहनीय प्रयास कर रहा है। ट्रस्ट की ओर से खेजड़ी को बचाने के लिए मंदिर के नक्शे में आमूलचूल परिवर्तन किया गया है। इसके साथ ही ट्रस्ट पर इसके लिए करीब 15 लाख का अतिरिक्त वित्तीय भार भी पड़ा है।
ट्रस्ट के प्रयासों की जमकर प्रशंसा
खेजड़ी के पेड़ को बचाने के साथ ही उसकी गहराई में फाउंडेशन भरके उसे मजबूत किया जा रहा है। एक दर्जन से अधिक मजदूर पिछले तीन दिन से यहां जुटे नजर आ रहे हैं। इस दृश्य को जिसने भी देखा तो वह हृदय से अभिभूत नजर आया। इसके साथ ही लोगों ने ट्रस्ट के प्रयासों की जमकर प्रशंसा की। ट्रस्ट के अध्यक्ष स्वरूपचंद और पदाधिकारी सुरेश कुमार तेजमालता बताते हैं कि कुदरत को सहेजने के लिए हर एक पेड़ की जरूरत है और वही ट्रस्ट ने किया है।