देश में इसी वर्ष फरवरी-मार्च माह में उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव हुए थे जिसमें भाजपा ने प्रचंड बहुमत हासिल करते हुए अब तक की सबसे बड़ी जीत दर्ज की। इसके बाद मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा की बात आई तो पार्टी के हाईकमान ने योगी आदित्यनाथ को चुना। yogi adityanath
योगी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनाए जाने से पहले गोरखपुर संसदीय क्षेत्र से लगातार 5 बार सांसद है। अब तक आपने यूपी के मुख्यमंत्री योगी के बारे में यही सुना होगा कि वे कुंवारे हैं लेकिन हम आपको बताने जा रहे हैं कि वे अब कुंवारे नहीं रहे हैं। नीचे जानें यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से कब और किसने की है शादी.. yogi adityanath
मंगलवार को बड़ी धूम-धाम से योगी आदित्यनाथ से इन्होंने की शादी: उत्तर प्रदेश के सीतापुर में मंगलवार को योगी आदित्यनाथ के साथ एक महिला ने अनोखी शादी की है। दरअसल, इस महिला ने बड़ी धूम-धाम से यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की फोटो से शादी की। यहां तक कि उसने मंत्रों के साथ 7 फेरे भी लिए। इस अनोखी शादी के दौरान दुल्हन ने बाकायदा योगी को अपना पति मानकर सभी रस्मों को पूरा किया। यही नहीं फिल्मी गानों के बीच जयमाल हुई और मिठाईयां भी बांटी गईं। शादी में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हुईं। yogi adityanath
Read more: गुजरात की तर्ज पर राजस्थान में 2018 के चुनाव का बज चुका है बिगुल
आंगनबाड़ी की महिलाएं बनीं बराती और घराती yogi adityanath
इस अनोखी शादी में सैकड़ों की संख्या में आंगनबाड़ी में कार्यरत महिलाएं बराती और घराती भी बनीं। दुल्हन नीतू सिंह का कहना है, योगी सरकार हमारी नहीं सुन रही है, इसलिए हमनें करने के लिए सोचा। उन्होंने कहा कि हमने सोचा शादी करने से करीब 4 लाख बहनों का भला हो जाएगा। योगी जी हठी है तो ऐसे तो वे सुनेंगे नहीं। नीतू सिंह ने कहा कि 120 दिन का टाइम दिया गया था, लेकिन अब तक 9 महीने का वक्त पूरा हो गया है। हमारी मांगें पूरी नहीं की गई है, इसलिए हमें यह करने की जरूरत पड़ी।
यह तक कह डाला दूल्हन नीतू सिंह ने
दूल्हन नीतू सिंह ने कहा, शादी होने के बाद शायद योगी आदित्यनाथ को महिलाओं की वैल्यू मालूम हो जाएगी। अभी 8 दिसंबर को सीएम योगी आ रहे हैं। हम भी उन्हीं के साथ चले जाएंगे। दूल्हन ने आगे कहा कि मांगे नहीं पूरी हुई तो घोड़ी पर चढ़कर चले जाएंगे। वहीं, दूल्हा बनी दूसरी महिला कल्पना ने कहा, एक वाइफ को उसका हसबैंड हर खुशी देता है। उसकी हर मांग और जिद पूरी करता है। इसीलिए हमने भी ये अनोखा रास्ता अपनाया है।
ये मांगें हैं यूपी के आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की
- आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को कम से कम 18,000 रुपए और सहायिकाओं को 9000 रुपए प्रतिमाह मानदेय दिया जाना चाहिए। yogi adityanath
- आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को शैक्षिक योग्यता एवं वरीयता के आधार पर शत प्रतिशत मुख्य सेविका के पद पर प्रमोशन दिया जाना चाहिए। yogi adityanath
- मिनी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को सामान्य योग्यता और सामान्य कार्य के आधार पर कार्यकत्रियों के बराबर मानदेय दिया जाए।
- बिहार की तर्ज पर कार्यकत्रियों और मातृ समिति के खातों में पोषाहार का धन भेजा जाए, जिससे पौष्टिक खाद्य सामग्री का वितरण किया जा सके।
- स्कूल की तरह आंगनबाड़ी केन्द्रों में गर्मी की छुट्टी स्वीकृत की जानी चाहिए।
- प्रदेश में जिन आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और सहायिकाओं का मानदेय रुका है उनका भुगतान जल्द से जल्द करवाया जाए।
- पिछली सरकार ने 1 अक्टूबर को बढ़े हुए मानदेय के एरियर की घोषणा की थी। उसका भुगतान करवाया जाए।
- आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और सहायिकाओं के लिए प्रत्येक वर्ष कम से कम 500 और 200 रुपए की वार्षिक वेतन वृद्धि की जानी चाहिए। yogi adityanath
- आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को होमटेक राशन का सत्यापन प्रधानों से अलग रखा जाए।
- आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और सहायिकाओं को हर साल 30 दिन का चिकित्सा अवकाश मानदेय सहित दिया जाना चाहिए। साथ ही पेंशन सुविधा शुरू की जाए।