उत्तरप्रदेश चुनाव का पहला चरण, इस चुनाव में हैं अपराधी और करोड़पति उम्मीदवारों की भरमार

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उत्तर प्रदेश में 11 फरवरी को पश्चिमी यूपी की 73 सीटों पर प्रथम चरण का चुनाव होना है। कहते हैं कि केंद्र का रास्ता यूपी से होकर गुजरता है और यही वजह है कि कोई भी पार्टी देश के सबसे बड़े सूबे में कोई कमी नहीं छोड़ना चाहती है। जुर्म अपराध के साए में रहने वाले उत्तर प्रदेश में पार्टी के आलाकमान एक तरफ तो कानून व्यवस्था में सुधार और अपराध मुक्त वातावरण देने की बात करते हैं वहीं दूसरी तरफ धड़ल्ले से सभी पार्टियों ने अपराधिक रिकॉर्ड वाले उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारा है। इतना ही नहीं इनमें ज्यादातर उम्मीदवार करोड़पति भी हैं।

इन 15 जिलों में चल रहा हैं पहले चरण का मतदान

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान शनिवार को हो रहा है। इस चरण में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 15 जिलों आगरा, अलीगढ़, बागपत, बुलंदशहर, एटा, फिरोजाबाद, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, हापुड़, हाथरस, कासगंज, मथुरा, मेरठ, मुजफ्फरनगर, शामली जिलों में की जनता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर रही है।

कितने अपराधी उम्मीदवार

सामाजिक संस्था एसोसियेशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म्स (एडीआर) ने पहले चरण में मैदान में उतरे कुल 839 उम्मीदवारों में से 836 के शपथ पत्र का गहराई से अध्ययन किया। जिसमें से 168 उम्मीदवार किसी न किसी आपराधिक मामलों में लिप्त पाए गए। 143 उम्मीदवारों का रिकॉर्ड तो बेहद गंभीर अपराधों से जुड़ा है। हत्या के मामले से जुड़े उम्मीदवारों की संख्या 15 हैं तो हत्या के प्रयास वाले 42 उम्मीदवार मैदान में हैं। महिलाओं के खिलाफ अपराध से जुड़े मामलों के 5 उम्मीदवार मैदान में हैं, जबकि 2 उम्मीदवारों का रिकार्ड अपहरण के मामलों से जुड़ा हुआ है।

किस पार्टी के कितने अपराधी उम्मीदवार

यूपी चुनाव में जितनी भी पार्टियां हैं उसमें से कोई भी ऐसी नहीं हैं जिसने सभी पाक- साफ छवि वालो उम्मीदवार मैदान में उतारे हों। अगर पार्टी के हिसाब से उम्मीदवारों के आपराधिक रिकॉर्ड पर नजर डालें तो भाजपा ने 73 में से 29, बसपा ने 73 में से 28, आरएलडी ने 57 में 19, सपा ने 51 में से 15 और कांग्रेस ने 24 में 6 आपराधिक रिकार्ड वालों को टिकट दिया है। बतौर निर्दलीय मैदान में उतरे 293 उम्मीदवारों में 38 आपराधिक रिकॉर्ड वाले हैं।

पहले चरण में जाने कितने हैं करोड़पति

पार्टियों को चुनाव के दौरान कम खर्च करना पड़े इसलिए अमीर उम्मीदवारों को टिकट देने की परंपरा पुरानी रही है। यही वजह है कि इस बार के विधानसभा चुनाव में भी करोड़पति उम्मीदवारों की कमी नहीं है।

एडीआर की रिसर्च के मुताबिक प्रथम चरण में कुल 302 करोड़पति उम्मीदवार मैदान में हैं। 5 करोड़ से अधिक संपत्ति वाले उम्मीदवारों की संख्या 119 है तो 2 से 5 करोड़ की संपत्ति वाले 103 उम्मीदवार मैदान में हैं। 50 लाख से 2 करोड की संपत्ति वाले उम्मीदवारों की संख्या 167 है। 203 उम्मीदवार 10 लाख से 50 लाख के बीच वाले हैं। 10 लाख से कम संपत्ति वाले उम्मीदवारों की संख्या 244 है। इन आंकड़ों के अनुसार अगर देखा जाए तो विधानसभा का चुनाव लड़ रहे औसत उम्मीदवार 2.81 करोड़ के मालिक हैं।

48 फीसद ही 5वीं से 12वीं पास

जहां तक शैक्षणिक योग्यता की बात की जाए तो पहले चरण में कुल 402 यानी 48 फीसद उम्मीदवारों ने बताया है कि उन्होंने 5वीं से 12वीं तक की पढ़ाई की है। 336 यानी 40 फीसद उम्मीदवार ग्रेजुएशन या इससे आगे की पढ़ाई कर चुके हैं। कुल 64 उम्मीदवारों ने खुद को साक्षर और 15 ने अनपढ़ घोषित किया है।

कुल 581 यानी 69 फीसद प्रत्याशियों की उम्र 25 से 50 साल के बीच हैं। 239 यानी 29 फीसद की उम्र 51 से 80 साल के बीच है। तीन उम्मीदवार 80 साल से ज्यादा उम्र के भी हैं, जबकि 13 ने अपनी आयो घोषित ही नहीं की। पहले चरण की 73 सीटों के लिए कुल 70 उम्मीदवार यानी सिर्फ 8 फीसद महिलाएं चुनावी मैदान में हैं।

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