समझिये G.S.T. की पूरी प्रणाली, क्या होगा सस्ता और कैसे मिलेगा फायदा?

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    देश के अब तक के सबसे बड़े आर्थिक सुधार ”एक राष्ट्र-एक कर-एक बाज़ार” का शुभारम्भ आज से शुभारम्भ हो चुका है। संसद भवन के केंद्रीय हॉल में जहाँ 70 साल पहले देश ने सदियों की ब्रिटिश गुलामी से आज़ादी का सूरज देखा वहीं से कल आधी रात को देश ने जीएसटी का स्वागत कर विभिन्न तरह के अप्रत्यक्ष करों से आज़ादी पाई। देश के इस आर्थिक एकीकरण से आज देश के हर हिस्से में कर दरों में समानता हो गई है। दुनियाभर में जीएसटी लागू करने वाला भारत 161वां देश बन गया है। सबसे पहले 1954 में फ्रांस ने टैक्स की इस प्रणाली को अपनाया था। वैसे भारत ने जीएसटी का ड्यूल मॉडल अपना है, और कनाडा के बाद यह मॉडल अपनाने वाला भारत दुनिया का दूसरा देश हैं।

    तो ऐसे समझिये G.S.T. को:

    जीएसटी यानि गुड्स एन्ड सर्विस टैक्स। जिसके द्वारा पूरे देश में एकल बाज़ार प्रणाली स्थापित हो जाएगी। जीएसटी से भारत की कर व्यवस्था में ढांचागत बदलाव आया है। इसके तहत –

    • पहले जहाँ 17 तरह के टैक्स, 23 सेस और फिर टैक्स पर भी टैक्स लगने के कारण हमारी कर व्यवस्था बहुत पेचीदा थी, वहीँ अब महज़ 1 जीएसटी लगेगा और उस पर किसी तरह का अन्य टैक्स नहीं लगेगा।
    • पूर्व व्यवस्था में जहाँ हर तरह के टैक्स के लिए अलग विभाग होता था, वहीँ अब सिर्फ एक सरकारी विभाग जीएसटी के लिए होगा।
    • पहले किसी व्यापारी को इनकम टैक्स, सर्विस टैक्स आदि विभिन्न टैक्स के लिए अलग-अलग रिटर्न भरना पड़ता था, अब इसका सरलीकरण हो जायेगा तथा सिर्फ एक रिटर्न दाख़िल करना पड़ेगा।
    • किसी भी माल या सेवा के एक राज्य से दुसरे राज्य में जाने पर पहले जहाँ प्रवेश कर देना पड़ता था, वहीँ अब ऐसी किसी भी प्रकार की चुंगी या प्रवेश कर नहीं देना पड़ेगा।
    • देश के अलग-अलग राज्यों में पहले जहाँ टैक्स की अलग-अलग दर होती थी, वहीँ अब जीएसटी से एक वस्तु पर एक ही कर दर सारे देश में लागू हो गई है।

    रोज़मर्रा की ज़रूरत का सामान सस्ता, वहीँ विलासिता और सेवाएं कुछ भारी:

    जीएसटी लागू होने के बाद देशभर में रोज़मर्रा की ज़रुरत के लिए उपयोगी सामान और खाने-पीने के अधिकतर सामान सस्ती दर पर मिलेंगे। फल, सब्ज़ियां, दालें, गेहूं, चावल, अनाज आदि पहले की तरह टैक्स फ्री रहेंगे। इन पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। सेंट्रल एक्साइज़ की मौजूदा टैक्स रेट के साथ राजस्थान में वैट और एंट्री टैक्स को जोड़कर किये गए आंकलन से मालूम चलता है कि राजस्थान में जीएसटी से घरेलू काम की ज़्यादातर चीज़ें सस्ती हो जाएगी।

    चीनी, दूध पाउडर, काजू, किशमिश, साबुन, टूथपेस्ट, बिस्कुट, आइस-क्रीम, चाय-कॉफ़ी, मसालें, जूस, छाछ, दही, मिठाई, पनीर, जूतें-चप्पल, 350 सीसी से कम की मोटरसाइकल, घरेलू एलपीजी, अगरबत्ती, मिनरल वाटर, स्मार्ट-फ़ोन, ज़्यादातर इलेक्ट्रिक सामान, पेपर प्रोडक्ट, स्वास्थ्य सेवाएं, एजुकेशन की चीज़ें आदि रोज़मर्रा की चीज़ें जीएसटी लागू होने पर देशवासियों को कम दर पर उपलब्ध होकर राहत देगी। खाद्य तेल पर 7% कम टैक्स लगने से इसका सीधा फायदा आमजन को मिलेगा।

    वहीँ रेडीमेड गारमेंट, सोने-चांदी के आभूषण, हीरे के हार, होटल सर्विस, सिनेमा टिकट, पांच सितारा होटल की सुविधाएँ, रेस्तरां, बीमा, शेयर मार्किट स्टॉक, फैशन पार्लर, टेलीकॉम सर्विस, घूमना-फिरना, मार्बल-ग्रेनाइट, सीमेंट, प्लास्टर, देशी घी आदि एक हद तक महंगे हो जायेंगे।

    सभी के लिए फायदेमंद व्यवस्था:

    जीएसटी के लागू हो जाने से देश का हर वर्ग और हर तबका लाभान्वित होगा। इससे पूरा देश एकीकृत बाज़ार बन जायेगा। देश की अर्थव्यवस्था में निवेश और निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। कर का सरलीकरण होने के कारण देश में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा, देश में नए रोजगार का सृजन होगा। जीएसटी से देशभर में वस्तुओं, सेवाओं पर टैक्स के साझा नियम, प्रणालियों से कर दरों में एकरूपता आएगी। पूरे देश में माल और सेवाओं का निर्बाध प्रवाह हो पायेगा।  किसी तरह का अंतर्राज्यीय प्रवेश शुल्क नहीं लगेगा। देशभर के उत्पादकों और उपभोक्ताओं को इससे सामान अवसर मिलेंगे। बाज़ार में प्रतिस्पर्धा बढ़ने से उपभोक्ताओं को लाभ होगा।

    आमजन के लिए अधिकतर ज़रूरी वस्तुओं पर या तो कर में पूरी तरह छूट है, या केवल 5% की दर लागू होगी। वहीँ देश के हर हिस्से में छोटे व्यापारियों को अपने व्यापार को आगे बढ़ाने के समान अवसर मिलेंगे। व्यापारियों के लिए व्यापार का पंजीकरण करना, टैक्स का रिटर्न भरना आदि में लाभ होगा।

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