14 नवम्बर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने साफ तौर पर कहा है कि जिन महिलाओं के बैंक खाते में ढाई लाख रुपए तक जमा होंगे, उनकी कोई जांच पड़ताल नहीं करवाई जाएगी। यानि महिलाओं के खातों में बंद हुए 500 और 1000 रुपए के नोट जमा करवाएं जा सकते हंै। यह सही है कि आयकर विभाग के नियमों के अनुरुप कोई भी महिला प्रतिवर्ष 3 लाख रुपए तक की आय दिखा सकती है, लेकिन 8 नवम्बर को नोटबंदी की घोषणा के बाद से इस बात का डर सता रहा था कि अब यदि बैंक खाते में पुराने नोट जमा कराए गए तो मुसीबत खड़ी हो सकती है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 14 नवम्बर को यूपी के गाजीपुर में भाजपा की परिवर्तन यात्रा की एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि जिन महिलाओं ने थोड़ी-थोड़ी राशि भविष्य के लिए सुरक्षित की है वे अपने बैंक खाते में ढाई लाख रुपए तक जमा करवा सकती हैं। ऐसी महिलाओं के बैंक खाते की कोई जांच पड़ताल नहीं होगी। प्रधानमंत्री की इस घोषणा से साफ जाहिर हैं कि वे पुरुष प्रधान समाज में महिलाओं का सम्मान बढ़ाना चाहते हैं। ऐसे कई परिवार है जिनमें महिलाओं खासकर मां और पत्नी का अपेक्षित सम्मान नहीं होता है, लेकिन अब ऐसे परिवारों के पुरुष सदस्यों को मजबूरी में महिला सदस्यों के बैंक खातों में राशि जमा करवानी होगी। भले ही ऐसे पुरुष जमा राशि को वापस निकाल लें, लेकिन एक बार तो मां और पत्नी की मदद की जरूरत पड़ेगी ही। यानि एक बार फिर पुरुष के लिए उसकी मां और पत्नी ही मददगार बनी है।
सीधा संवाद :
नोटबंदी को लेकर विपक्ष ने संयुक्त रूप से जो हमला बोला है उसके जवाब में नरेन्द्र मोदी आम जनता से सीधा संवाद कर रहे हैं। 13 नवम्बर को गोवा में और 14 नवम्बर को गाजीपुर में मोदी ने विपक्ष को यह दिखाने की कोशिश की कि आम लोग नोटबंदी के मुद्दे पर उनके साथ है। गाजीपुर में मोदी ने लोगों को खड़ा किया और ताली बजाने के साथ उनका समर्थन करने का आग्रह किया। यानि मोदी अब यह दर्शा रहे हैं कि आम जनता उनके साथ है। भले ही टीवी चैनलों पर बैंकों के बाहर खड़े परेशान लोगों के बयान दिखाए जाए। मोदी ने अपने भाषण में कहा कि टीवी वाले भी देख लें कि जनता उनके साथ है।
कांग्रेस पर फिर हमला :
गाजीपुर में कांग्रेस पर हमला बोलते हुए मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने तो 19 महीने पूरे देश को जेलखाना बना दिया था। मैं तो मात्र 50 दिन मांग रहा हूं। यानि मोदी ने इस बात को स्वीकार किया कि नोटबंदी के बाद देश का आम नागरिक बेहद परेशान है।
(एस.पी.मित्तल)