तीन तलाक को अपराध मानने वाला बिल ट्रिपल तलाक लोकसभा में फिर से एक बार पास हो गया। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के वॉकआउट के बाद 245 सांसदों ने बिल के पक्ष में वोट दिए। Triple Divorces
वोट में 11 वोट पड़े। अब यह बिल पारित होने के लिए राज्यसभा जाएगा। ट्रिपल तलाक लोकसभा में दूसरी बार पारित हुआ है। 28 दिसम्बर, 2017 को भी सदन ने इसे पारित किया था लेकिन विपक्ष के विरोध के चलते राज्यसभा में यह अटक गया था।
इससे पहले गुरुवार को हुई एक बहम में विपक्ष बिल को जॉइंट सलेक्ट कमेटी के पास भेजने की मांग कर रहा था। कांग्रेस सांसद सुष्मिता देव ने विरोध करते हुए कहा कि इस बिल का असली मकसद मुस्लिम पुरुषों को सजा देना है। Triple Divorces
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इसके जवाब में केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि यह मुद्दा किसी धर्म या समुदाय से नहीं, इंसाफ से जुड़ा है। जनवरी, 2017 के बाद से तीन तलाक के 477 केस सामने आ चुके हैं। उन्होंने कहा कि जब 12 साल से छोटी बच्ची के दुष्कर्मी को फांसी का बिल सदन में एकजुट होकर पारित कर सकता है तो यह बिल क्यों नहीं। Triple Divorces
जॉइंट सलेक्ट कमेटी की मांग, स्पीकर का इनकार
बहस शुरु होने से पहले कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि बिल के कई प्रावधान असंवैधानिक है। इसे संसद की जॉइंट सलेक्ट कमेटी को भेजा जाए।
अन्नाद्रमुक नेता पी.वेणुगोपाल, टीएमसी के सुदीप बंदोपाध्याय और एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी ने भी इसका समर्थन किया। इस पर स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कहा कि ऐसा बिल पहले पारित हो चुका है इसलिए इस बिल को अचानक सलेक्ट कमेटी को भेजने की मांग नहीं कर सकते हैं।