हाल ही में राजस्थान सरकार के सर्वेसर्वा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के किसानों का 2 लाख रुपए तक का फसली कर्ज माफ करने की घोषणा की है। यह फसली ऋण करीब 18 हजार करोड़ रुपए का है। पिछले 4 महीनों में यह दूसरा मौका है जब किसानों को कर्जमाफी दी गई है। Gehlot government
इससे पहले सितम्बर, 2018 में तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने भी 50 हजार रुपए तक का फसली कर्ज माफ किया था। गहलोत सरकार की किसान कर्ज माफी को भाजपा ने एक छलावा मात्र का दर्जा दिया है। Gehlot government
प्रदेश भाजपा मुख्यालय में एक साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूर्व मंत्री एवं भाजपा नेता राजेंद्र राठौड़ तथा अजय सिंह किलक ने कहा कि कांग्रेस ने किसान ऋण माफी में अन्नदाताओं से छलावा कर उनका मजाक उड़ाया है। आदेश में यह कहीं नहीं है कि किसानों के खाते में कर्ज माफी का पैसा कब तक जमा होगा। Gehlot government
10 लाख किसानों को ऋण राहत योजना से वंचित किया
इस मौके पर राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस के आदेश में 30 नवंबर, 2018 की स्थिति मं समस्त बकाया अल्पकालीन फसली ऋण माफ किए जाने की बात कही है। भाजपा सरकार 30 सितम्बर, 2017 को ओवर ड्यू तथा बकाया ऋणी 28 लाख किसानों का करीब 8172 करोड़ रुपए का कर्जा पहले ही माफ कर चुकी है। राजे सरकार की कर्जमाफी के बाद अब तक 21 लाख 34 हजार किसानों को 10 हजार 700 करोड़ रुपए का ऋण मिला है। कांग्रेस सरकार के आदेश से यह साफ जाहिर होता है कि प्रक्रियाधीन 10 लाख किसान ऋण राहत योजना से वंचित रह जाएंगे। Gehlot government
गहलोत सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप
राठौड़ ने गहलोत सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए उनसे सवाल पूछा है कि कांग्रेस की ओर से चुनावी वादे में किसानों का पूरा कर्जा माफ करने की बात कही गई थी। वर्तमान में प्रदेश में कुल 59 लाख किसान है जिनपर करीब 99,995 करोड़ रुपए का कर्जा है। अगर वर्तमान आदेश की पूर्ण पालना कर 18 हजार करोड़ की राशि माफ कर दी जाती है तो शेष 81,995 करोड़ रुपए का कर्ज करने की सरकार की क्या मंशा है। Gehlot government
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