भारतीय सेना में लीगल एडवाइजर झुंझनूं जिले के के दशरथ खिरोड़ मौजूदा समय में देश के सबसे ज्यादा क्वालिफाइड सैनिक बन गए हैं। एक किसान परिवार में जन्में दशरथ ने 34 डिग्री—डिप्लोमा हासिल कर अपने परिवार ही नहीं बल्कि गांव के युवाओं को भी एक प्रेरणा दी है कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती। 16 साल की अपनी सर्विस के दौरान दशरथ का पढ़ाई का जज्बा कभी कम नहीं हुआ और अब हालात यह हैं कि उन्हें इंडिया बुक आॅफ रिकॉर्ड 2018 ने ‘मोस्ट क्वालिफाइड सोल्जर आॅफ कंट्री’ के खिताब से नवाजा है। Most Educated Fighter
एक किसान परिवार में जन्में दशरथ ने बचपन में 12 किमी पैदल चलकर सब्जी बेची। 1988 में ग्रेजुएशन के बाद सेना में सिपाही पद पर भर्ती हुए और 16 साल तक देश की सेवा तो की ही, इन 16 साल में अपनी पढ़ाई भी जारी रखी। सेना में दशरथ की पोस्टिंग जम्मू—कश्मीर, भूटान, नेपाल, केन्या व वियतनाम सहित कई संवेदनशील इलाकों में हुई लेकिन पढ़ाई की जज्बा पहले जैसा ही रहा। गौर करने वाली बात यह है कि 34 डिग्री—डिप्लोमाधारी दशरथ के परिवार में कोई भी 10वीं तक भी नहीं पढ़ पाया है। Most Educated Fighter
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दशरथ ने अपने जीवन में अब तक 500 से अधिक परीक्षाएं दी हैं और अपने सभी डिग्री—डिप्लोमा में 50 से 75 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं। दशरथ ने 6 विषयों में ग्रेजुएशन, 9 विषयों में पीजी, नेट, पीएचडी, बीए, बीएड, बी.लिब, एम.लिब, एलएलबी, एलएलएम, डीएलएल, डीएलएस सहित कई डिग्रियां प्राप्त की है। दशरथ की 19 डिग्रियां इंडिया बुक आॅफ रिकॉर्ड में दर्ज हो गई हैं। Most Educated Fighter
अपनी इस उपलब्धि के पीछे की कहानी बताते हुए दशरथ बताते हैं कि गांव के लोगों ने उन्हें ताने मारे कि डिग्री लेना आसान है, नौकरी लेके दिखाओ। उसके बाद दशरथ ने आरएएस—2013 सहित विद्यालय, विवि, बैंकिंग, बीमा सहित कई कंपटीशन फाइट किए और कई सरकारी एवं गैर—सरकारी नौकरियों के लिए चयनित हुए लेकिन ज्वॉइन नहीं किया। आरएएस 2013 क्लियर होते हुए लीगल एडवाइजर में चयन हो गया। वर्तमान में दशरथ भारतीय सेना में लीगल एडवाइजर पद पर कार्यरत हैं।