थार में चल रहा हैं रोमांचक सर्वे, 3000 लोगों की 55 टीमें लगातार कर रही हैं यह काम

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    थार में इन दिनों एक सर्वे चल रहा हैं जो आपके बीच रोमांच पैदा कर सकता हैं। हाल ही में प्रदेश में 3000 लोगों की 55 टीमों ने एक सर्वे शुरू किया हैं जिसका इंतजार करना काफी रोमांचक हैं। यह सर्वे उस प्राणी के लिए किया जा रहा है जो इस दुनिया में लुप्त होने की कगार पर है। हम बात कर रहे हैं राजस्थान के राज्य पक्षी गोडावण (दि ग्रेट इंडियन बस्टर्ड) की। दुनिया के 80 फीसदी गोडावण राजस्थान में ही हैं और अब इनके अस्तित्व को बचाने के भरसक प्रयास किए जा रहे हैं।

    150 से ज्यादा हो सकती हैं गोडावणों की संख्या

    डेजर्ट नेशनल पार्क (डीएनपी) और रामदेवरा के क्लोजरों वर्तमानम में भारतीय वन्य प्राणि संस्थान की पिछली गणना के मुताबित मार्च 2016 तक 140 गोडावण मौजूद थे। लेकिन इस बाद यहां गोडावण के 15 अंडों में से निकले 11 बच्चों के निकलने की खबर भी सामने आई।  वन विभाग के डिप्टी कंजरवेटर अनूप के.आर. के अनुसार वर्तमान में गोडावण की संख्या 140 से अधिक मिलने की उम्मीद है। ब्रिडिंग क्‍लोजर में गोडावण के प्रजनन के बाद एक बार यह संख्या 151 पहुंच गई थी अब देखना है इस सर्वे में कितनी संख्या मिलती है। इससे पूर्व 2014 के सर्वेक्षण में जैसलमेर जिले में 103, और 2015 में 133 गोडावण होने की पुष्टि हुई थी।

    3000 लोगों की टीम जुटी दिन रात सर्वे में

    प्रदेश के जैसलमेर, बाड़मेर और जोधपुर के 20,000 वर्ग किलोमीटर में इस सर्वे में 3000 लोगों की 55 टीमें जुटी हैं। सात दिन तक एक खास मिशन में जुटी इस टीम को 17 और 18 मार्च को इसके लिए विशेष ट्रेनिंग भी दी गई है। वन विभाग यह सर्वे देहरादून के भारतीय वन्य प्राणि संस्थान के सहयोग से करवा रहा है। यह सर्वे रिपोर्ट एक महीने बाद सामने आ सकेगी।

    सरकार ने गोडावण बचाने को दिए 12.9 करोड़ रुपए

    डेजर्ट नेशनल पार्क (डीएनपी) और रामदेवरा में ब्रिडिंग क्लोजरों की स्थापना और गोडावण संरक्षण के लिए राजस्थान सरकार ने 2013 में 12.9 करोड़ रुपए की ‘प्रोजेक्ट ग्रेट इन्डियन बस्टर्ड’ परियोजना शुरू की। इस प्रोजेक्ट के तहत 2,500 ब्रिडिंग क्लोजर बनाने थे। विभाग 4 साल में 3,275 क्लोजर बना चुका है। और इनकी मदद से अब गोडावण संरक्षण और प्रजनन में आशातित परिणाम सामने आना शुरू हो गए हैं। उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट पर अब तक करीब 10 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं।

    प्रोजेक्ट ग्रेट इन्डियन बस्टर्ड परियोजना

    2013-2014 में गोड़ावण संरक्षण परियोजना को मंजूरी

    प्रोजेक्ट का बजट 12.9 करोड़ रुपए

    वर्ष 2013-14 में 1 करोड़ 6 लाख रुपए खर्च

    वर्ष 2014-15 में 4 करोड़ 51 लाख रुपए का प्रावधान किया गया

    फरवरी 2015 तक कुल 3 करोड़ 62 लाख से अधिक की राशि खर्च

    फरवरी 2017 तक करीब 10 करोड़ रुपए खर्च

    सोर्स- News18india

     

     

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