राफेल विमान सौदे के मामले में कांग्रेस की ओर लगाए गए आरोपों को सुप्रीम कोर्ट ने नकार दिया है। राफेल मामले में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार को उच्चतम न्यायालय ने क्लीन चिट दे दी है। केन्द्र सरकार को बड़ी राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को 58 हजार करोड़ रुपए के राफेल विमान सौदे से जुड़ी सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय में यह भी कहा कि, वह खरीद की पूरी प्रक्रिया से संतुष्ट है तथा लड़ाकू विमान सौदे की और जांच कराने के पक्ष में नहीं है। Rafale deal controversy
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस पर तीखे प्रहार किए। केन्द्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, प्रकाश जावड़ेकर, राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, एमपी सीएम शिवराज सिंह समेत कई बीजेपी नेताओं ने कांग्रेस से माफी मांगने की बात कही। Rafale deal controversy
सुप्रीम कोर्ट के निर्णय ने कांग्रेस के झूठे दावों की पोल खोल दी
राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि राफेल डील पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय ने कांग्रेस के झूठे दावों की पोल खोल दी है। चुनावी फायदे के लिए उन्होंने ना सिर्फ एक सच्चे नेता को चोर कहा, बल्कि जनता को सरेआम गुमराह भी किया। पूर्व मुख्यमंत्री राजे ने कहा कि कांग्रेस के नेताओं में थोड़ी भी नैतिकता बची है तो तुरंत माफी मांगे। गृहमंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व में भाजपा सांसदों ने दोनों सदनों में राहुल गांधी द्वारा माफी मांगने की मांग की। Rafale deal controversy
उनका कहना था कि राहुल गांधी के झूठे आरोपों से भारत की छवि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर धूमिल हुयी है। संसदीय कार्यमंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने भी राहुल गांधी द्वारा माफी मांगने की मांग की। Rafale deal controversy
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सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए राफेल डील पर यह कहा..
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह राफेल लड़ाकू विमानों के सौदे की खरीद प्रक्रिया से पूरी तरह संतुष्ट है, इसलिए इसमें किसी प्रकार की जांच नहीं की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि राफेल जैसे चौथी व पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों को भारतीय वायुसेना में शामिल करने की आवश्यकता है। कोर्ट ने आगे कहा कि लड़ाकू विमानों के मामले में हमारा देश बिना तैयारी के रहने की स्थिति में नहीं है।
कोर्ट खरीद प्रक्रिया पर की जाने वाली प्रत्येक अपील पर सुनवाई नहीं कर सकता। पहले आरक्षित फैसले को तीन न्यायाधीशों की बैंच की तरफ से पढ़ते हुए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि पूर्ववर्ती यूपीए सरकार और वर्तमान मोदी सरकार द्वारा तय की गई कीमत की तुलना करने का काम अदालत का नहीं है।