राजस्थान में विकास के रथ को अविरल रूप से गतिमान करने वाली प्रदेश की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अजमेर ज़िलें को शिक्षा के क्षेत्र में एक ओर बड़ी सौगात दी है। अजमेर में पिछले 14 साल के इंतजार के बाद संस्कृत कॉलेज के लिए नए भवन को तैयार करने के लिए सरकार ने स्वीकृति दे दी है। गौरतलब है कि राज्य के शिक्षा राज्यमंत्री और स्थानीय विधायक वासुदेव देवनानी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र के अंदर अजमेर में संस्कृत महाविद्यालय खोलने का वादा किया था। सरकार के इस कदम से शिक्षा राज्यमंत्री देवनानी का यह वादा पूरा हुआ है।
कल गुरुवार को शिलान्यास किया गया:
कल गुरुवार के दिन राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अजमेर में संस्कृत कॉलेज के लिए नए भवन निर्माण की स्वीकृति दी। इसके लिए मुख्यमंत्री राजे ने 6.5 करोड़ रुपए की वित्तीय स्वीकृति दिलाई है। कल गुरुवार को अजमेर ज़िले के लोहागल गांव में उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी और शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी पहुंचे। उन्हौने कॉलेज निर्माण के लिए आवंटित ज़मीन पर विधि के अनुसार पूजा-अर्चना की व कॉलेज निर्माण के लिए शिलान्यास किया।
5 बीघा में बनेगा कॉलेज:
अजमेर में बन रहा यह संस्कृत कॉलेज सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट है। सरकार करीब 5 बीघा जमीन पर यह कॉलेज बनाने जा रही है। सरकार की परियोजना के अनुसार यह कॉलेज एक साल के अंदर बनकर तैयार होगा। कॉलेज का शिलान्यास करने गए शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि संस्कृत विज्ञान वाणी है। संस्कृत को विज्ञानवानी से जनवाणी बनाने के लिए और संस्कृत से जुडे विद्वानों व विशेषज्ञों का सम्मान कर उनकी पदवी बढ़ाने के लिए सरकार काम कर रही है और सरकार इस दिशा में लगातार काम करती रहेगी। देवनानी ने बताया कि आज दुनिया की महाशक्ति बन रहे देश भी संस्कृत भाषा की विद्धवता को मानती है। इसी कारण दुनिया की सबसे बड़ी स्पेस एजेंसी नासा में भी 15 दिन की अनिवार्य संस्कृत भाषा की ट्रेनिंग दी जाती है। अपने संबोधन में उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी ने कहा कि प्राचीन संस्कृत भाषा के बिना वेद और पुराणों की कल्पना नहीं की जा सकती। वेद और पुराणों के पूर्ण सुगम ज्ञान के लिए संस्कृत पढ़ना अनिवार्य है।
संस्कृत के अध्यापकों की की जाएगी प्रतिनियुक्ति:
वेदों की भाषा संस्कृत को प्रोत्साहन देकर आगे बढ़ाने के लिए राजस्थान सरकार पूरी मेहनत कर रही है। संस्कृत भाषा के प्राचीन अस्तित्व को बनाये ऱखकर उसमें नवीनता और सृजनता लाने के लिए राजस्थान सरकार प्रयासरत है। इसके लिए सरकार जल्दी ही संस्कृत स्कूलों में अध्यापकों की भर्ती करने जा रही है। संस्कृत शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए राजस्थान सरकार संस्कृत विषय के अध्यापकों की प्रतिनियु्क्ति पर काम कर रही है।