
सचिन कर्जमाफी और बीजेपी प्रदेश विकास को लेकर साध रहे एक—दूसरे पर निशाना
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलेट ने अकेले ही अब वसुन्धरा खेमे को घेरने की तैयारी कर ली है। इसके लिए उन्होंने किसान न्याय यात्रा से मोर्चा खोला है जिसकी शुरूआत वसुन्धरा के गृह जिले बारां—झालावाड़ से हुई है। इसके दूसरी ओर, मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे अपने 4 दिवसीय दौरे पर अजमेर जिले में हैं। इसके बाद अलवर दौरा करने वाली हैं। इन दोनों में लोकसभा उपचुनाव होने हैं। लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि दोनों ही नेता अपनी—अपनी यात्राओं में एक दूसरे पर निशाना साध रहे हैं। झालावाड़ की किसान सभाओं ने जहां कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष किसानों की कर्ज माफी और उनके साथ किए जा रहे अन्याय के बारे में दलील दे रहे हैं। किसानों में अपनी पैठ जमाने के लिए पायलट अब तक 20 किसान सभा कर चुके हैं। वहीं दूसरी ओर प्रदेश की मुख्यमंत्री भारतीय जनता पार्टी के कार्यकाल में हुए विकास को बता रही हैं। तीसरा मोर्चा अन्य बीजेपी नेताओं ने सचिन के खिलाफ खोल दिया है और उनकी इस किसान यात्रा को प्रायश्चित यात्रा करार दिया है।
सचिन पायलेट इन दिनों अपनी किसान यात्रा पर निकले हैं और उन्होंने इसकी शुरूआत बारां जिले से की है। यहां उन्होंने राजस्थान सरकार द्वारा किसानों को दी जाने वाली 50 हजार रूपए तक की कर्जमाफी पर जमकर हमला करते हुए न केवल इस राशि को कम बताया है, साथ ही कमेटी के गठन को लेकर भी सवाल उठाया है। उनके अनुसार, किसानों को दी जाने वाली 50 हजार की कर्जमाफी की राशि काफी कम है। साथ ही ऋणमाफी के लिए बीजेपी ने एक कमेठी का गठन किया है जिसमें एक भी किसान न होने को लेकर भी किसान ने सरकार को घेरने की कोशिश की है। इसके दूसरी ओर, अजमेर में वसुन्धरा राजे ने लोकसभा उपचुनाव को लेकर कमाल संभालते हुए अपने विकास कार्यों को गिनाया है। राजस्थान सरकार ने पिछले साढ़े तीन सालों में करीब 57 हजार करोड़ के बिना ब्याज ऋण बांटे हैं जबकि पिछली कांग्रेस सरकार का आंकड़ा केवल 25 हजार करोड़ का था।
पायलेट की किसान न्याय यात्रा आज आखिरी दिन –
आज पायलेट की किसान न्याय यात्रा का आखिरी दिन है। 100 किमी लंबी इस यात्रा के आखिरी पड़ाव पर उन्हें झालावाड़ में किसान सभा को संबोधित करना है। यहां भी सचिन करीब—करीब इन्हीं मुद्दों को उठाने वाले हैं। खासतौर पर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना पर भी हमला होना स्वभाविक है। सचिन के अनुसार इस योजना में एक ओर प्राइवेट कंपनियां हजारों करोड़ रूपए का मुनाफा कमा गई, वहीं प्रीमियम भरने के बाद भी किसान अपने आपको ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। समय पर मुआवजा नहीं मिलने पर किसानों की आर्थिक स्थिति और भी बदतर होती जा रही है। उन्होंने कहा है कि हम किसानो के लिए न्याय माँगने के लिए सड़कों पर उतरे है और न्याय लेकर रहेंगे। पायलेट ने यह भी मुद्दा उठाया है कि अगर महाराष्ट्र व उत्तरप्रदेश में किसानों का पूरा ऋण माफ हो सकता है तो राजस्थान सरकार यह क्यों नहीं कर रही है। हाड़ौती में हो रही किसानों की आत्महत्या को भी उन्होंने पूरजोर उठाया है और इसे वसुन्धरा सरकार की दोहरी नीति की संज्ञा करार दिया है। साथ ही महिला मुख्यमंत्री होने के बावजूद राज्य में रेप की घटनाएं नहीं रुक पाने को लेकर भी पायलेट ने अपने गृह जिले में मुख्यमंत्री को घरने की कोशिश की है। पायलट ने 2018 के चुनावों में भाजपा मुक्त करने का दावा किया है।
अजमेर में नाजुक सियासी नब्ज टटोल रही वसुन्धरा –
इसके दूसरी ओर, मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे गुरुवार से तीन दिन के अजमेर जिले के दौरे पर हैं। आधिकारिक तौर पर उनकी यात्रा का मकसद जिले में चल रही सरकार की विकास योजनाओं की जानकारी लेने के साथ जनता के अभाव अभियोग सुनना है। लेकिन उनकी यह यात्रा अजमेर संसदीय क्षेत्र के उपचुनाव सहित आने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर सियासी पारा मापने से जुड़ी है। साथ ही उनकी मंशा सियायत की नाजुक नब्ज को टटोलना है। उनके पीछे से चुनावी सियासत को बीजेपी के अन्य नेताओं ने संभाल लिया है।
पायलट की किसान न्याय यात्रा को बताया प्रायश्चित यात्रा –
बारां—झालावाड़ में पायलट की किसान न्याय यात्रा को बीजेपी सरकार में मंत्री यूनुस खान ने प्रायश्चित यात्रा करार दिया है और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष को आड़े हाथों लेते हुए इसे सिर्फ पार्टी की कोरी राजनीति बताया। खान और राजस्थान जन अभाव अभियोग निराकरण समिति के चैयरमेन श्रीकृष्ण पाटीदार ने किसान यात्रा पर जमकर हमला बोलते हुए पायलट को अपना गृह जिला अजमेर संभालने की नसीहत दी है।

यूनुस खान ने विपक्ष पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने अपने शासनकाल में न केवल झालावाड़ को बल्कि पूरे प्रदेश के किसानों को कोई बड़ा लाभ नहीं पहुंचाया। लेकिन वसुन्धरा सरकार ने अपने मौजूदा कार्यकाल में किसानों के लिए ब्याज मुक्त ऋण, जल स्वावलंबन अभियान, परवन और गागरीन सिंचाई परियोजनाओं सहित प्रदेश में किसान हित में ही कार्य किया है। कांग्रेस ने मौजूदा मुख्यमंत्री के गृह जिले झालावाड़ के साथ सौतेला व्यवहार कर विकास में पूरी तरह पीछे धकेल दिया था। इसलिए कांग्रेस को अपनी प्रायश्चित यात्रा में किसानों से माफी मांगनी चाहिए।