राजस्थान कांग्रेस आपसी फूट और कलह से सराबोर है लेकिन ऐसे में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट की मुश्किलें कुछ ओर बढ़ती नज़र आ रही है। हाल ही में पीसीसी चीफ सचिन पायलट अपने विदेश दौरें पर है लेकिन पीछे से अजमेर में शहर कार्यकारिणी को घोषणा कर दी गई। अजमरे सचिन का गृहक्षेत्र है ऐसे में सचिन पायलट का कार्यकारिणी घोषित करने के समय ना होना विवादों को जन्म देता है। पायलट के विदेश जाने के दो दिन बाद जारी हुई अजमेर शहर कांग्रेस कमेटी की कार्यकारिणी की घोषणा से कई सवाल भी खड़े होते है। कार्यकारिणी की घोषणा होने के बाद शहर कांग्रेस के कई नेताओं ने अपनी शिकायतें करना शुरू कर दिया है। जिन कार्यकर्ताओं का नाम कार्यकारिणी की लिस्ट में नही आया वो दबे मुंह विरोध में उतर आएं है। ऐसे में क्या सचिन पायलट की भूमिका अहम हो सकती थी। अजमेर शहर कांग्रेस उपाध्यक्ष मुमताज मसीह ने कहा है कि कार्यकारिणी का अप्रुवल अध्यक्ष पायलट से ही लिया गया है। पायलट विदेश दौरें पर है लेकिन ई-मेल के द्वारा उनसे अप्रुवल ली गई है।
कार्यकर्ताओं के गले नही उतरी नई कार्यकारिणी, हुआ विरोध
अजमेर शहर कांग्रेस उपाध्यक्ष मुमताज मसीह की बातों को कांग्रेस के वो कार्यकर्ता जो कार्यकारिणी की लिस्ट में नही आये है उनके गले नही उतर रही है। बिना पायलट के कार्यकारिणी की घोषणा करना राजनीतिक गलियारों में भी चर्चा का विषय बन गया है। स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि जो कार्यकारिणी पिछलें डेढ़ साल से अटकी पड़ी थी वो अचानक पायलट के विदेश जाते ही क्यों घोषित कर दी। शहर कांग्रेस की कार्यकारिणी के घोषित होते ही कार्यकर्ताओं में विरोध से स्वर फूट गए हैं और शहर अध्यक्ष विजय जैन का पुतला भी कांग्रेसियों द्वारा फूंका गया है। आपकों बता दें कि पीसीसी चीफ सचिन पायलट कांग्रेस कमेटी में 19 जून की रोजा इफ्तेहार पार्टी के अगले दिन ही विदेश यात्रा पर चले गए थे। बिना पायलट के कार्यकारिणी की घोषणा ऐसे समय में हुई है जब संगठन के चुनाव सिर पर है और दो महीने बाद शहर अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, कोषाध्यक्ष सहित कई महत्वपूर्ण पदों पर चुनाव होना है।
कार्य करने वाले कार्यकर्ताओं को नही मिली तरजीह
अजमेर शहर कांग्रेस कमेटी ने 22 जून का अपनी नई कार्यकारिणी की सूची की घोषणा की। कार्यकारिणी की लिस्ट में शामिल किए गए 96 कार्यकर्ताओं में से करीब 50 चेहरे पहली बार जिला कांग्रेस कमेटी में शामिल किए गए है। कई चेहरों को लेकर कांग्रेस में आपसी ताना-बाना उधड़ चुका है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है की सदस्यता अभियान के दौरान काम करने वाले कार्यकर्ताओं को तरजीह ना देकर उन लोगों को तरजीह दी गई है जो कभी बागी थे और जिन्होने कभी कांग्रेस के लिए काम ही नही किया था।