पायलट के लिए मुश्किल है अजमेर का घमासान

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हाल ही में गुजरात और हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए घमासान हुआ। अब गुजरात के पड़ोसी राज्य राजस्थान में चुनावी बिगुल बजने वाला है। हालांकि, राजस्थान में उपचुनाव होने हैं। लेकिन इन उपचुनावों के बाद अगले साल 2018 के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। sachin pilot ajmer bypolls

बीजेपी ने हाल ही दोनों राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में जीत दर्ज कर अपनी सरकार बनाई है। हिमाचल में जहां कांग्रेस की सरकार थी वहां बीजेपी ने वापसी की है और गुजरात में लगातार छठी बार अपनी सरकार बनाई है। राजस्थान में तीन जगह उपचुनाव होने हैं। sachin pilot ajmer bypolls

ऐसे में राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट के लोकसभा चुनावी क्षेत्र अजमेर में कांग्रेस के लिए मुकाबला काफी​ मुश्किल होगा। आइये जानते हैं पायलट के लिए मुश्किल क्यूं है अजमेर का घमासान.. sachin pilot ajmer bypolls

राजे सरकार के विकास के आगे कांग्रेस के पास फिलहाल कोई चुनावी मुद्दा नहीं

मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली वर्तमान सरकार ने प्रदेश में जमकर विकास कार्य करवाएं हैं। राजे सरकार ने हाल ही में अपने चार साल पूरे किए हैं। राजे सरकार के विकास कार्य के आगे कांग्रेस के पास ऐसा कोई मुद्दा नहीं है जिसका कांग्रेस को चुनावी लाभ मिल सके। sachin pilot ajmer bypolls

अजमेर लोकसभा सीट से खुद पायलट चुनाव लड़ते रहे हैं लेकिन वे पिछला लोकसभ चुनाव हार गए थे। वर्तमान में वे राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर हैं। पायलट ने अध्यक्ष बनने के बाद अजमेर के नाममात्र दौरे किए हैं। ऐसे में जनता से दूर रहकर अचानक उपचुनाव में वोट मांगना पायलट को फायदा नहीं देगा। अजमेर की जनता सिर्फ वोटों के समय क्षेत्र में आने वाले नेताओं को सबक सिखाना जानती है। sachin pilot ajmer bypolls

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बीजेपी की लोकप्रियता और विकास कार्य कांग्रेस पर भारी पड़ेंगे

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के नेतृत्व में भाजपा ने हालिया वर्षों में हुए चुनावों में शानदार प्रदर्शन किया है। मोदी-शाह की जोड़ी की बदौलत भाजपा की देश के कुल 28 राज्यों में से वर्तमान में 19 राज्यों में सरकार है।

हालिया चुनावों के नतीजों से पता चलता है कि मोदी का जादू अभी भी बरकारा है। जीएसटी और नोटबंदी के बाद भी देश की जनता का साथ बीजेपी को लगातार मिल रहा है।

लोगों ने जीएसटी और नोटबंदी को स्वीकार किया है। अजमेर लोकसभा के साथ अलवर लोकसभा और माडलगढ़ में विधानसभा सीट के लिए चुनाव 29 जनवरी को होने हैं। लेकिन कांग्रेस के चुनावों में लगातार प्रदर्शन को देखते हुए कहीं से भी मुकाबला होता नज़र नहीं आ रहा है। बीजेपी की लोकप्रियता और विकास कार्य राजस्थान में होने वाले इन उपचुनावों में कांग्रेस पर भारी पड़ेगे।

हार-जीत दोनों दलों के लिए बेहद खास होगी

राजस्थान में होने वाले ​उपचुनावों के परिणाम भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों के लिए बेहद अहम होंगे, क्योंकि उसके बाद राजस्थान विधानसभा चुनाव होंगे। ऐसे में हार-जीत के परिणाम दोनों दलों के लिए सियासी नजरिए से बेहद खास हो जाएंगे। हालांकि कांग्रेस कही भी मुकाबला करती नज़र नहीं आ रही है। sachin pilot ajmer bypolls

हालिया दो राज्यों के चुनावों में भी उसे हार का सामना करना पड़ा है। अजमेर लोकसभा सीट के लिए उपचुनाव में बीजेपी सांवरलाल जाट के किसी परिजन या फिर सीबी गैना को मैदान में उतार सकती है। कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट खुद इस सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ते आए हैं। लेकिन विधानसभा चुनावी वर्ष से पहले वे मैदान में खड़े नहीं होंगे। हालांकि हाल ही में पायलट ने कहा था कि पार्टी के हाईकमान का आदेश हुआ तो वे अजमेर लोकसभ सीट से चुनाव लड़ने के लिए तैयार है।

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