बचपन से आशा को जिन्दगी में आगे बढ़ने की तमन्ना थी लेकिन उसे रास्ता नहीं मिल पा रहा था, कौशल प्रशिक्षण के कोर्स ने न केवल उसके करियर बल्कि उसके सपनों को भी नई शुरुआत दी है। पाली जिले के जैतारण ब्लाॅक से आई 21 वर्षीय आशा मेघवाल ने 2015 में अपना स्नातक पूरा किया था। स्नातक पूरा करने के बाद उसे कहीं पर भी नौकरी नहीं मिल पा रही थी। उसके माता- पिता ने उसे नौकरी करने के लिए कहा जिससे घर की आर्थिक स्थिति सुधर सकें। उसने नौकरी ढूंढनी शुरू की लेकिन किसी तरह के तकनीकी शिक्षा के ज्ञान नहीं हो पाने के कारण उसे नौकरी नहीं मिल पाई।
उसे अपनी सहेलियों के द्वारा राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम के प्रशिक्षण कोर्स की जानकारी मिलीं। उसने तुरन्त वहां सम्पर्क किया तथा अकाउंटिग असिसटेंट के कोर्स में रुचि दिखाई। उसने कोर्स में प्रवेश लेकर प्रशिक्षण को पूरी मेहनत के साथ सीखा। और प्रशिक्षण के दौरान उसकी गंभीरता से खुश होकर उसे प्रशिक्षणकर्ताओं ने अवार्ड से भी सम्मानित किया गया।
प्रशिक्षण के तुरन्त बाद ही उसने सहारा इंडिया में इन्टरव्यू के लिए गई। इन्टरव्यू में उसने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया और उसका कम्प्यूटर आॅपरेटर के पद पर चयन हो गया। उसका वेतनमान 9 हजार 700 रुपये तय किया गया। आत्मविश्वास से लबरेज आशा कहती है कि अब इन पैसों से वह अपने परिवार का ध्यान रखती है। तथा उसके माता-पिता बेटी की सफलता से बेहद खुश है। अब उसके पड़ोसी भी उसे पूरा सहयोग करते है। तथा अन्य युवा भी उसकी सफलता से प्रेरित है क्योंकि उसने अपने करियर की शुरुआत कर दी है।