आगामी राजस्थान विधानसभा चुनावों से ठीक पहले वसुन्धरा सरकार राज्य सरकार के कर्मचारियों को एक बड़ी राहत देने जा रही है। अब प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों को अगर चौथी संतान होती भी है, तो भी उनको अनिवार्य सेवानिवृत्ति नहीं दी जाएगी। इससे पहले तक राज्य सरकार के अंतर्गत यदि किसी सरकारी कर्मचारी के 3 से ज्यादा संतानें हो जाती हैं तो उसे 3 माह का नोटिस देकर अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी जाती रही है। Fourth Child Government Jobs
लंबे समय से कर्मचारियों की इस नियम में रियायत की मांग की जाती रही है। इस पर विचार करते हुए राजस्थान सरकार ने यह निर्णय लिया है। नए नियमों के मुताबिक अब सरकार पेंशन रूल्स के नियम 53ए को विलोपित करने जा रही है। इसके अनुसार ‘राज्य कर्मचारियों को चौथी संतान होने पर अनिवार्य सेवानिवृत्ति नहीं दी जाएगी।’
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क्या है पेंशन रूल्स 53ए नियम Fourth Child Government Jobs
पेंशन रूल्स 53ए नियम में यह प्रावधान है कि यदि राजस्थान सरकार के किसी सरकारी कर्मचारी के 3 से ज्यादा संतानें हो जाती हैं तो उसे 3 माह का नोटिस देकर अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी जाती है। इसके तहत ही यदि कोई कर्मचारी 15 दिन में नोटिस रिसीव नहीं करता है तो सरकार इसे अपने गजट में प्रकाशित करवा कर संबंधित कर्मचारी को स्वत:ही सेवानिवृत्त मान लेगी। राज्य सरकार ने जून, 2002 यह नियम लागू किया था। Fourth Child Government Jobs
आखिर क्यूं लिया प्रावधान हटाने का फैसला
असल में प्रदेश सरकार में पहले से कर्मचारियों के लिए दो से अधिक संतानों वाले सर्विस रूल्स में पहले से ही एक से ज्यादा सजा के प्रावधान हैं। इसके तहत अगर किसी सरकारी कर्मचारी के दो से अधिक संतान होती है तो उसके प्रमोशन एवं एसीपी पर रोक लगाई जाती है। साथ ही तीन से ज्यादा संतानों पर अनिवार्य सेवानिवृत्ती का प्रावधान था। ऐसे में कर्मचारियों की मांग थी कि एक दोष के लिए एक से ज्यादा सजा का प्रावधान नहीं होना चाहिए। इसे देखते हुए सरकार ने चौथी संतान पर अनिवार्य सेवानिवृत्ति का प्रावधान हटाने का फैसला किया है। Fourth Child Government Jobs