मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के नेतृत्व में राजस्थान ने अपार संभावनों पर जमकर विकास किया हैं। मुख्यमंत्री राजे ने राजस्थान के किसानों के साथ मिलकर प्रदेश को विकास की मुख्यधारा में लेकर आई हैं। सूबे की मुखिया का कहना हैं कि प्रदेश का विकास किसानों के विकास से ही संभव हैं अत: किसानों का विकास ही प्रदेश का विकास हैं। इसी अवधारणा पर कार्य करते हुए मुख्यमंत्री राजे ने राजस्थान के राजस्थान के अभाव और आपदा ग्रसित जिलों में राहत के लिए अब तक 2100 करोड़ रुपए आवंटिक किए जा चुके हैं। और अब रेगिस्तानी जिलों में भी राहत अनुदान में देरी नहीं होने का आश्वासन दिया गया है।
यह आश्वासन प्रदेश के गृहमंत्री गुलाब चन्द कटारिया ने दिया है। कटारिया ने कहा कि राज्य सरकार बाढ़ और सूखे से प्रभावित काश्तकारों को राहत पहुंचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है उन्होंने बैठक में लिए गए निर्णयों पर शीघ्र कार्यवाही करने के निर्देश दिए। कटारिया मंगलवार को शासन सचिवालय स्थित अपने कक्ष में आयोजित आपदा प्रबंधन की मासिक बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वर्तमान में 11 जिलों द्वारा 3 हजार 256 गांवों की सूची वेबसाइट पर अपलोड कर दी गई है।
आपदा प्रबंधन मद पर खर्च हुए 2100 करोड़
गृहमंत्री कटारिया ने गत बैठक की अनुपालना रिपोर्ट पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि यह अच्छी बात है कि नागरिक सुरक्षा विभाग के सेवा नियमों के तैयार प्रारूप की प्रक्रिया भी इस माह के अंत तक पूरी की जाये, जिससे कि पदोन्नति समय पर की जा सके। उन्होंने कहा कि एसडीआरएफ एवं एनडीआरएफ के मद में लगभग 2100 करोड़ रुपये आवंटित कर दिए गए है।
चूरू, नागौर, बाड़मेर और जैलसमेर में टीम जल्द
कटारिया ने बताया कि नागरिक सुरक्षा एवं आपदा प्रबंधन एवं सहायता विभाग के रिक्त पदों को सेवानिवृत कार्मिकों द्वारा संविदा के आधार पर भरने की कार्यवाही पूरी की जाये। उन्होंने निर्देश दिये कि नागरिक सुरक्षा विभाग को अग्निशमन एवं बचाव वाहनों के लिये साढ़े चार करोड रुपये आवंटित कर दिये है उनकी क्रय कार्यवाही भी तत्काल पूरी की जाये। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की एनडीआरएफ टीम चूरू, नागौर, बाड़मेर व जैसलमेर के दौरे पर आने वाली है इसकी भी तैयारी पूरी की जाये, ताकि केन्द्र से मिलने वाले अनुदान में देरी न हो।
50 फीसदी खराबे पर अनुदान के आदेश
बैठक में आपदा प्रबंधन एवं सहायता के शासन सचिव रोहित कुमार ने आपदा संबंधी अनुपालना की रिपोर्ट पर चर्चा करते हुए जानकारी दी कि राज्य कार्यकारी समिति की बैठक में लिये गये निर्णयानुसार रबी संवत 2072 में रबी फसल में 50 प्रतिशत या इससे अधिक खराबे वाली फसलों के काश्तकारों कृषि आदान अनुदान के दिशा निर्देश जारी कर दिए गए है।