राजस्थान की मुखिया एक महिला है अत: महिलाओं के खिलाफ कोई अत्याचार हो इसके लिए मुख्यमंत्री राजे तैयार रहती है। महिला और प्रदेश की बेटियों को सम्मान व आत्मनिर्भर जीनव यापन करने के लिए मुख्यमंत्री राजे ने कई योजनाओं को लागू किया है जो सीधे महिलाओं को ही लाभ प्रदान करती है। भामाशाह योजना से मुख्यमंत्री राजे ने एक बार फिर राजस्थान में घर की मुखिया महिला को ही बना दिया। अब घर-परिवार के सभी फैसले महिला ही करती है। बेटियों की शिक्षा और सुरक्षा के लिए राज्य सरकार पुर्णता निष्ठाबद्ध है। अब राजस्थान में भी महिला सुरक्षा को लेकर उत्तरप्रदेश की तर्ज पर एंटी रोमियो स्क्वॉड बनने जा रहा है। इस दल की महिला पुलिस कर्मियों को विशेष ट्रेनिंग दी गई है। अब अगर आप राजस्थान की किसी बेटी, बहु या महिला से पंगा ले रहे हो तो सोच लिजिए।
महिला पुलिस कर्मियों को दी विशेष ट्रेनिंग
यूपी की तर्ज पर राजस्थान में भी महिला एवं छात्राओं की सुरक्षा के लिए एंटी रोमियो स्क्वॉड तैयार हो चुका है। जयपुर पुलिस कमिश्नरेट ने प्रदेश के पहले महिला एंटी रोमियो स्क्वॉड का गठन किया है। इसके लिए महिला पुलिस कर्मियों का 8-8 घंटे की ड्यूटी टाइम रखा गया है।
राजस्थान में पहले महिला एंटी रोमियो स्क्वॉड का गठन
एंटी रोमियो स्क्वॉड हेतु यहां जयपुर पुलिस कमिश्नरेट ने 52 महिला पुलिसकर्मियों को इसके लिए राजस्थान पुलिस अकादमी में स्पेशल ट्रेनिंग दिलवाई है। अब सोमवार से इस स्क्वॉड की तैनातगी हो जाएगी। इनकी तैनातगी शहर के महिला कॉलेज, बालिका स्कूल और अन्य भीड़ भाड़ वाले क्षेत्र, जहां महिलाओं की संख्या अधिक होती हैं, ऐसे स्थानों पर होगी।
स्थानीय पुलिस भी हेल्प करेगी
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, महिला स्क्वॉड में शामिल महिला पुलिसकर्मी दो शिफ्ट में काम करेंगी और इन्हें गश्त के लिए स्कूटी दी जाएगी। वायलैस भी होगा। जरूरत होने पर स्थानीय थाना पुलिस को मौके पर बुलाकर मनचलों के खिलाफ कार्रवाई कर सकेंगी।
पुलिस कंट्रोल रूम से सीधा संपर्क रहेगा
कमिश्नरेट के अधिकारियों के मुताबिक, महिला दस्ता संबंधित थानों के संपर्क के साथ सीधा पुलिस कंट्रोल रूम से जुड़ा रहेगा। इस दस्ते को महिला कॉलेज, बालिकाओं के स्कूल, मॉल के साथ शहर के प्रमुख बाजारों में जहां महिलाओं की तादाद ज्यादा रहती है, उन इलाकों में गश्त के लिए तैनात किया जाएगा। ऐसा राजस्थान में पहली बार होने जा रहा है।