कचहरियों में मुद्दतों से चले आ रहे राजस्व विवाद अब हाथों-हाथ निपट रहे हैं और राजस्व लोक अदालत न्याय आपके द्वार अभियान शिविरों के जरिए बीते दो साल में करीब चालीस लाख राजस्व संबंधी प्रकरण आपसी समझाइश से सुलझाए जा चुके हैं। इन दो सालों में प्रदेश की कुल 126 ग्राम पंचायतें वाद मुक्त हो चुकी हैं। राज्य में वर्ष 2015 से शुरू हुए इस अभियान के सार्थक परिणाम सामने आ रहे हैं।
चार लाख मामले किए चिन्हित, पांच हजार लेगी वापस
प्रदेश भर की अदालतों में राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए करीब चार लाख प्रकरण चिन्हित किये हैं, वहीं सरकार ने करीब पांच हजार प्रकरणों के वापस लेने तक का फैसला किया है। हाईकोर्ट के मुख्यन्यायधीश नवीन सिहा शनिवार सुबह 10.15 बजे जयपुर राज्य विधिक प्राधिकरण परिसर में लोक अदालत का शुभारम्भ करेगें।
इन जिलों के 5000 लघु प्रवृति प्रकरण होंगे वापस
विधिक सेवा प्राधिकरण ने लोक अदालत के लिए रात-दिन एक कर रखे हैं। पहली बार हाईकोर्ट के 21 न्यायाधीश लोक अदालत में वकीलों के साथ बैंच में बैठकर आदेश पारित करेगें। सूत्रों के अनुसार गृह विभाग ने जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, सवाई माधोपुर, दौसा, गंगानगर, कोटा व चूरू जिलों में करीब 5000 हजार लघु प्रवृति के प्रकरणों को वापस लेने का निर्णय किया हैं। इनमें मोटर वाहन अधिनियम,ध्वनि प्रदुषण,तथा पांच बोतल तक शराब के मामले भी शामिल हैं।
आईपीसी की धारा 498-ए के नौ प्रकरण भी वापस लिए जा रहे हैं। वापस लिए जा रहे प्रकरणों में अकेले जयपुर की संख्या करीब 2500 बताई जा रही है। हाईकोर्ट में लोक अदालत के तहत करीब एक हज़ार मोटर वाहन दुर्घटना के प्रकरण, रोडवेज के करीब 200 कर्मचारियों के पेंशन परिलाभ के प्रकरण भी लगाए जाएंगे।
गौरतलब है कि वर्ष 2015 में भी 18 मई से 30 जुलाई तक राजस्व लोक अदालत अभियान चलाया गया था जिसमें 21 लाख 20 हजार से अधिक राजस्व प्रकरण निस्तारित किए गए थे। वर्ष 2015 में 61 पंचायतों को वाद मुक्त किया गया था जबकि इस साल 12 जून तक 65 पंचायतं वाद मुक्त हो चुकी हैं। इस साल पाली की 19, झालावाड़ की 12, चित्तौड़गढ़ की 9, चूरू की 5, करौली की 4, टोंक की 3, नागौर, अलवर, भीलवाड़ा, सवाई माधोपुर, उदयपुर तथा जोधपुर की 2-2 तथा धौलपुर की 1 पंचायत वाद मुक्त बनी हैं।