राजस्थान सरकार प्रदेश के गौवंश को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रही है। इसी दिशा में कल बुधवार को सरकार ने प्रदेश के 8 जिलों की कुल 155 गौशालाओं के संवर्धन एवं विकास के लिए 10 करोड़ 87 लाख 43 हजार रुपए की अनुदान राशि स्वीकृत कर दी। यह गौरतलब है कि राज्य में गौवंश की सेवा का संकल्प पूरा करने के उद्देश्य से सरकार ने वर्ष 2016-17 से स्टाम्प ड्यूटी पर 10 प्रतिशत की दर से गौसंरक्षण एवं संवर्द्धन पर सरचार्ज लगाया था। इस प्रयास से राज्य सरकार ने गौसंरक्षण एवं संवर्द्धन निधि के रूप में पिछले वित्तीय वर्ष में 151.60 करोड़ रुपये जुटाए। अब तक इस राशि में से 138.67 करोड़ रुपये गौवंश की देखभाल और गौशालाओं को गौवंश के और अधिक अनुकूल बनाने के लिए खर्च किए जा चुके हैं।
इस मदद से 47 हज़ार 500 गौवंश का संवर्धन होगा:
राजस्थान सरकार के इस पुनीत कार्य से प्रदेश के नागौर, पाली, जालौर, चूरू, सीकर, श्रीगंगानगर, झालावाड़ एवं सिरोही ज़िलों की 155 गौशालाओं का प्रबंधन किया जाएगा। इन गौशालाओं में रहने वाले लगभग 47 हजार 500 गौवंश की देखभाल एवं चारा-पानी और पोषक पशु आहार की व्यवस्था सरकार की इस अनुदान राशि से की जाएगी।
देश में पहला राज्य जहाँ गौपालन विभाग है:
राजस्थान सरकार ने देशभर में अब तक कई ऐसी पहल की हैं, जिसे आगे चलकर देश के अनेकों हिस्सों में अपनाया गया है। सरकार का गौपालन विभाग भी इन्हीं अनुसरणीय पहल में से एक है। राजस्थान देशभर में पहला और इकलौता ऐसा राज्य है जहाँ गौवंश के संवर्धन और संरक्षण के लिए सरकार ने गौपालन विभाग का गठन किया है।
नागौर की गौशालाओं पर खर्चा जाएगा सबसे ज़्यादा बजट:
राजस्थान गौपालन विभाग के निदेशक राजेन्द्र किशन ने बताया कि सरकार द्वारा प्रस्तावित राशि में से सबसे ज़्यादा नागौर जिले की गौशालाओं पर खर्चे जाएंगे। नागौर ज़िले के लिए सरकार ने 9 करोड़ 56 लाख रूपए प्रस्तावित किए हैं। इसके बाद चूरू ज़िले के लिए 36.48 लाख रूपए, पाली ज़िले की गौशालाओं के लिए 29.84 लाख रूपए, सिरोही ज़िले के लिए 29.13 लाख रूपए, श्रीगंगानगर के लिए 12.63 लाख रूपए, झालावाड़ के लिए 12.40 लाख रूपए, जालोर ज़िले के लिए 5.49 लाख रूपए और सीकर ज़िले की गौशालाओं के लिए 5.21 लाख रूपए की राशि का आवंटन किया हैं।