अब से राजस्थान में धर्म परिवर्तन करना इतना आसान नहीं होगा। राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने राजस्थान धर्म स्वतंत्रता विधेयक—2008 को मंजूरी दिलाने के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं। Rajasthan Conversion Bill
इस विधेयक के अनुसार, अब राजस्थान में बिना जिला कलेक्टर की अनुमति के धर्म परिवर्तन नहीं हो सकेगा। जबरन या लालच देकर अगर कोई किसी का धर्म परिवर्तन कराता है या खुद करता है तो आरोपी को एक से 3 साल तक की सजा के साथ 25 हजार रूपए का जुर्माना भरना पड़ सकता है। Rajasthan Conversion Bill
18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों अथवा महिला या फिर अजा और जजा श्रेणी के व्यक्ति का धर्म परिवर्तन कराने पर आरोपियों को दो से पांच वर्ष की सजा के साथ ही 50 हजार रूपए तक का जुर्माना अदा करना होगा। यदि कोई व्यक्ति स्वयं अपनी इच्छा से अपना धर्म परिवर्तन करना चाह रहा है तो जिला कलेक्टर को 30 दिन के भीतर इसकी जानकारी देनी होगी। अगर ऐसा नहीं किया गया तो धर्म परिवर्तन करने वाले को एक हजार रूपए का जुर्माना भुगतना पड़ेगा। अब से केवल जिला कलेक्टर ही धर्म परिवर्तन करने की अनुमति देंगे। Rajasthan Conversion Bill
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आपको बता दें कि अप्रैल, 2006 में राजस्थान धर्म तत्कालीन वसुंधरा राजे बीजेपी सरकार ने राजस्थान धर्म स्वतंत्रता विधेयक को पहली बार राज्य विधानसभा से पारित किया था लेकिन कांग्रेस ने इसका विरोध किया था। कांग्रेस विधायकों ने राज्यपाल के साथ ही राष्ट्रपति तक इस बारे में ज्ञापन भेजा था। कांग्रेसियों का यह मानना था कि इन प्रावधानों का दुरूपयोग हो सकता है। दो साल फिर से वसुंधरा सरकार ने राजस्थान धर्म स्वतंत्रता विधेयक की मंजूरी के प्रयास शुरू किए लेकिन सत्ता में विपक्ष आने की वजह से यह विधेयक पिछले 10 सालों से अटका पड़ा है। Rajasthan Conversion Bill
राजस्थान धर्म स्वतंत्रता विधेयक के बारे में राज्य के गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया का कहना है कि ‘हमने हिमाचल प्रदेश में लागू कानून के आधार पर ही विधेयक बनाया है। इस विधेयक के अनुसार बिना जिला कलेक्टर की मंजूरी के धर्म परिवर्तन नहीं हो सकेगा। कुछ दिन पूर्व ही केन्द्रीय गृह मंत्रालय से इस विधेयक को लेकर पूछताछ की गई थी। इस पर हमने इसे पूरी तरह से सैंवधानिक बताते हुए इसे मंजूर कराने की बात कही थी। इस विधेयक पर एटॉर्नी जनरल की आपत्तियां भी दूर करा दी गई है।’