कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि ‘मैं जब बोलूंगा तो भूचाल आ जाएगा’ हुआ भी वही। राहुल पीएम मोदी से मिले और किसानों की कर्ज माफी का मुद्दा उठाया तो भूचाल आ ही गया। लेकिन ये भूचाल विपक्ष की एकता में आया। नोटबंदी को लेकर 16 नवंबर से संसद में दिखाई दे रही एकता में दरारें पड़ गईं। दरक गई वो एकता जो संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने दिखी थी।
विपक्ष का कहना है कि कांग्रेस ने पीएम मोदी से अकेले मुलाकात क्यों की। क्या बाकी पार्टियों को किसानों की चिंता नहीं है। इसके साथ ही विपक्ष ने यह भी कहा कि हम 20 दिनों से सदन में कह रहे हैं कि पीएम मोदी को आना चाहिए, फिर कांग्रेस को अकेले जाकर उनसे मिलने की क्या जरूरत थी?
एसपी, बीएसपी, लेफ्ट, एनसीपी और डीएमके ने किया इनकार
दरअसल, 16 पार्टियां आज राष्ट्रपति से मुलाकात करने वाली थीं, लेकिन बाद में समाजवादी पार्टी, डीएमके बीएसपी,एनसीपी और लेफ्ट पार्टियों ने साथ जाने से इनकार कर दिया। कांग्रेस के साथ जेडीयू, तृणमूल और आरजेडी के नेताओं ने राष्ट्रपति से नोटबंदी के मामले पर मुलाकात की। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी राष्ट्रपति से मुलाकात करने वाले प्रतिनिधिमंडल में शामिल थीं।
राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद खड़गे का बयान
राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि नोटबंदी के मुद्दे पर राष्ट्रपति से मुलाकात क। सरकार नोटबंदी पर चर्चा को तैयार नहीं है। हम लोगों की समस्या सदन में रखना चाहते थे। संसद में गतिरोध के लिए सरकार जिम्मेदार है। नोटबंदी के फैसले से आम आदमी, किसान और मजदूर परेशान हुआ है।
राहुल गांधी ने की पीएम मोदी से मुलाकात
इससे पहले कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की और उन्हें कर्ज माफी सहित किसानों की मांग और नोटबंदी के कारण हो रही समस्याओं को लेकर एक ज्ञापन सौंपा। दरअसल, पिछले काफी समय से राहुल गांधी नोटबंदी को लेकर पीएम मोदी पर निशाना साध रहे हैं। हाल में उन्होंने पीएम मोदी पर निजी भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था।
राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद सोनिया गांधी और अन्य नेता
राहुल गांधी ने बुधवार को दावा किया था कि उनके पास पीएम नरेंद्र मोदी से जुड़ी ऐसी जानकारी है जिससे उनके ‘नोटबंदी के फैसले का गुब्बारा’ फूट जाएगा, लेकिन उन्हें संसद में बोलने नहीं दिया जा रहा। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राहुल ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश के अंदाज़ में पत्रकारों से ‘उनके होंठों की भाषा पढ़ने’ के लिए कहा, और घोषणा की कि उनके पास ऐसी जानकारी है, जिससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘निजी भ्रष्टाचार’ की पोल खुल जाएगी…
संसद का शीतकालीन सत्र बिना काम के हुआ खत्म
संसद का शीतकालीन सत्र बिना किसी कामकाज के नोटबंदी के लिए हो रहे हंगामे की भेंट चढ़ गया। पूरे सत्र के दौरान नोटबंदी को लेकर हंगामा होता रहा. सरकार और विपक्ष एक-दूसरे पर चर्चा से भागने का आरोप लगाते रहे।